लड़कों का एक समूह एक साथ खेल रहा है। अरुण कहता है, "अरे, चलो फुटबॉल खेलते हैं।" किसी ने ध्यान नहीं दिया कि उसने क्या कहा। फिर राहुल कहता है, "मनीष, जाओ वो छड़ियाँ ले आओ, और हम खेलेंगे कि हम सैनिक हैं।" मनीष छड़ियाँ ले आता है, और लड़के जल्द ही खेलने के लिए एक्जुट हो जाते हैं कि वे एक सेना हैं।
► इस समूह का अगुआ कौन है, अरुण या राहुल? अगुआ क्या होता है? हम यह क्यों कह सकते हैं कि अगुआई का अर्थ आवश्यक रूप से अधिकार का पद नहीं है?
अगुआई की परिभाषा
कभी-कभी अधिकार के पद पर बैठा व्यक्ति वास्तव में नियंत्रण में नहीं होता। कभी-कभी ऐसा व्यक्ति जो अधिकारिक पद पर नहीं होता, वह भी ऐसा व्यक्ति होता है जिसका लोग अनुसरण करते हैं। इसका अर्थ है कि अगुआई किसी पद से कहीं बढ़कर है।
अगुआ वह व्यक्ति होता है जिसका लोग अनुसरण करते हैं।
अगुआई का अर्थ है प्रभाव।
जब भी आप दूसरों के विचारों और कार्यों को उनके व्यक्तिगत या व्यावसायिक जीवन में लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रभावित करने का प्रयास करते हैं, तो आप अगुआई में शामिल होते हैं।[1]
कुछ सामान्य परिदृश्य:
एक फैक्ट्री प्रबन्धक नई नीतियों की घोषणा करता है। जब वह चला जाता है, तो एक कर्मचारी बाकी कर्मचारियों को बताता है कि वे वास्तव में क्या करेंगे।
कुछ लोग एक बस में एक साथ यात्रा कर रहे हैं। बस खराब हो जाती है। एक व्यक्ति बस से उतरकर दूसरे परिवहन के विकल्प का प्रबन्ध करता है।
एक पास्टर अपनी कलीसिया के सदस्यों के एक समूह को समझा रहा है कि उसके विचार से कलीसिया को क्या करना चाहिए। सदस्य सुनते हैं परन्तु कोई निश्चित प्रतिक्रिया नहीं देते। वे किसी ऐसे व्यक्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं जो अभी तक वहाँ नहीं आया है और उन्हें बताए कि वे क्या करेंगे।
इनमें से प्रत्येक मामले में, अगुआ कौन है? वह व्यक्ति जिसका अन्य लोग अनुसरण करने का चुनाव करते हैं।
हम अगुआई को परिभाषित कर रहे हैं। हमने अभी तक अच्छी अगुआई या ऐसी अगुआई का वर्णन नहीं किया जो लम्बे समय तक प्रभावशाली हो।
अगुए का कार्य सही या गलत हो सकता है और उसके अच्छे या बुरे परिणाम हो सकते हैं।
एक व्यक्ति ऐसा अगुआ हो सकता है जिसका लोग तुरंत अनुसरण करते हैं, परन्तु ऐसा व्यक्ति नहीं जो उनकी इच्छाओं को पूरा करता हो। उसके पास अक्सर नए अनुयायियों को आकर्षित करने एक ढंग हो सकता परन्तु वह जल्द ही उसे खो सकता है।
यदि कोई व्यक्ति निर्णायक कार्रवाई करता है और लोग उसका अनुसरण करते हैं, तो वह उस समय एक अगुआ होता है। एक व्यक्ति एक समय में अगुआ हो सकता है और किसी अन्य समय में नहीं। वह विशेष क्षमताओं के कारण कुछ स्थितियों में अगुआई कर सकता है परन्तु अन्य स्थितियों में नहीं।
यदि हम अगुआई को प्रभाव के रूप में परिभाषित करते हैं, तो यीशु सम्पूर्ण समय का सबसे महान अगुआ था। लाखों लोग उसकी शिक्षाओं का अनुसरण करते हैं। दुनिया भर में संस्थाएं उसके आदेशों का पालन करने के उद्देश्य से अस्तित्व में हैं।
[1]Ken Blanchard and Phil Hodges, The Servant Leader: Transforming Your Heart, Head, Hands, and Habits (Nashville: Thomas Nelson, 2003), 10
अगुआई पद से कहीं बढ़कर है
यह मत सोचिए कि आप अगुआई कर रहे हैं क्योंकि आप किसी पद पर हैं, विशेषकर तब, जब आपको उन लोगों ने पद पर नहीं रखा है जिनकी आप अगुआई करने का प्रयास कर रहे हैं। पद केवल अगुआई करने का एक द्वार है। पद आपको अगुआ बनने का अवसर देता है। पद, अपने आप में, आपको अगुआ नहीं बनाता।
► इस कथन की व्याख्या करें: “पद केवल अगुआई करने का एक द्वार है।”
जब कोई व्यक्ति जिनकी वह अगुआई करता है, उन लोगों से कहता है, “मैं बॉस हूँ” या “मैं पास्टर हूँ,” तो वह अक्सर यह कथन इसलिए कहता है क्योंकि लोग उसके अधिकार को स्वीकार नहीं करते हैं। उसके पास एक पद है, परन्तु लोग उसका अनुसरण नहीं करते हैं। वह अपने पद के अधिकार का प्रयोग करने का प्रयास कर रहा है क्योंकि उसका प्रभाव पर्याप्त रूप से मजबूत नहीं है।
► इस कथन का क्या अर्थ है: “आपको लोगों को यह याद दिलाने की कभी ज़रूरत नहीं होनी चाहिए कि आप उनके अगुआ हैं।"
शमूएल इस्राएल देश में एक प्रमुख भविष्यवक्ता और याजक था इससे पहले कि देश पर कोई राजा होता। वह लोगों के लिए एक न्यायी के रूप में सेवा करता था। उसके बच्चों ने उसके धार्मिक उदाहरण का पालन नहीं किया, इसलिए जब शमूएल बूढ़ा हो गया, तो लोग उसके पास आए और उसके सामने माँग रखी कि उन्हें एक राजा दे (1 शमूएल 8:5)।
हम शमूएल के प्रभाव को इस वास्तविकता में देखते हैं कि लोग जानते थे कि केवल शमूएल ही राजा नियुक्त कर सकता है। उन्होंने किसी अन्य तरीके से राजा नियुक्त करने का प्रयास नहीं किया। जब शमूएल ने उन्हें बताया कि शाऊल ही एकमात्र राजा है, तो सभी ने शाऊल को स्वीकार नहीं किया। हालाँकि, किसी और के पास इतना प्रभाव नहीं था कि वह किसी और को राजा बना सके।
शमूएल का प्रभाव जीवन भर बुद्धि और चरित्र का प्रदर्शन करने पर आधारित था। लोगों ने शमूएल के पुत्रों को अस्वीकार कर दिया क्योंकि उनके पुत्रों में शमूएल का चरित्र नहीं था। कोई भी योग्यता अच्छे चरित्र का स्थान नहीं ले सकती।
अगुआई उत्पादन क्षमता से कहीं बढ़कर है
[1]निर्माता वह व्यक्ति होता है जो अच्छा काम करता है और अपने प्रयासों से लक्ष्य को प्राप्त करता है। निर्माता महत्वपूर्ण होता है। हर संस्था अपने निर्माताओं पर निर्भर रहती है।
एक अगुआ वह व्यक्ति होता है जो इस बात पर विचार करता है कि दूसरों को साथ मिलकर काम करने के लिए प्रभावित करके क्या किया जा सकता है। यदि कोई अगुआ ज़्यादातर निर्माता होने पर ध्यान केंद्रित करता है, तो वह अगुआई करने की अपनी ज़िम्मेदारी पूरी नहीं कर रहा है। उसका काम मात्र अच्छा काम करना ही नहीं है, बल्कि दूसरों को साथ मिलाकर अच्छा काम करने के लिए प्रेरित करना भी है।
निर्माता
अगुए
एक निर्माता अपने काम के प्रति स्वयं जिम्मेदार महसूस करता है
एक अगुआ दूसरों के कार्यों के लिए स्वयं को जिम्मेदार मानता है, क्योंकि वह जानता है कि वह उन्हें प्रभावित कर सकता है।
एक निर्माता अपने कार्य में अपना उत्तम प्रयास करता है।
एक अगुआ कार्य को पूरा करने के लिए स्वयं और दूसरों के प्रयासों को एक साथ लाता है।
एक निर्माता लगातार अपनी उपलब्धियों में वृद्धि करता रहता है।
एक अगुआ अपनी उपलब्धियों को समूह के साथ मिलकर बढ़ाता है।
यदि आप अपनी संस्था के द्वारा पूरा किया जाने वाला ज़्यादातर काम स्वयं ही कर रहे हैं, तो जैसा आपको करना चाहिए आप उस तरह से अगुआई करने में विफल हो रहे हैं । यदि आप हमेशा संस्था के कामों में व्यस्त रहते हैं, तो हो सकता है आप अगुआई करने में विफल हो जाएँ।
► अपने कार्य की गतिविधियों और लक्ष्यों की जांच करें। एक निर्माता के तौर पर आपमें क्या-क्या गुण हैं? एक अगुए के तौर पर आपमें क्या-क्या गुण हैं?
बहुत से लोग यह नहीं समझ पाते कि एक अगुआ अपना समय कैसे व्यतीत करता है। यदि वह किसी बड़ी संस्था की अगुआई करता है, तो उसके पास कुछ ही विशेष काम हो सकते हैं।
उदाहरण के लिए, किसी बड़े व्यवसाय के महाप्रबंधक के बारे में सोचें। वह ज़्यादातर कर्मचारियों को काम पर नहीं रखता, क्योंकि उसने यह ज़िम्मेदारी किसी और को दे रखी है। वह मशीने नहीं चलाता। वह सामग्री नहीं खरीदता। वह इमारत की मरम्मत नहीं करता। वह उत्पाद नहीं बेचता। ज़्यादातर लोगों को ऐसा लग सकता है कि वह सिर्फ़ घूमता-फिरता है, फ़ोन कॉल करता है और मीटिंग करता है। यदि वह कुछ दिनों के लिए व्यवसाय छोड़ दे, तो यह उसके बिना ही चलता रहेगा।
परन्तु महाप्रबंधक वह होता है जो देखता है कि सभी संचालन कैसे संबंधित हैं। वह विभाग प्रबंधकों को उनके पदों पर रखता है और सुनिश्चित करता है कि वे अपना काम करने में सक्षम हैं। वह व्यवसाय की समग्र गुणवत्ता बनाए रखता है और सभी को यह समझने में मदद करता है कि सबसे महत्वपूर्ण क्या है। वह ऐसी प्रणालियाँ विकसित करता है जो लगातार परिणाम देती हैं। वह व्यवसाय के समूह को आकार देता है। उसके बिना, व्यवसाय अंततः विफल हो जाएगा। एक छोटी संस्था में, अगुए को वह सब कुछ करने के लिए तैयार रहना चाहिए जो करने की आवश्यकता है। जबकि, उसे हमेशा ऐसे लोगों की तलाश करनी चाहिए जो प्रशिक्षित, जिम्मेदार और इच्छुक हों।
किसी संस्था के बद्लाव में, अगुए को हर विभाग के काम में शामिल होने की ज़रूरत हो सकती है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि लोग बदलावों को समझें। हालाँकि, उसे अपनी निरंतर भागीदारी के बिना विभागों की अगुआई करने के लिए लोगों को विकसित करना चाहिए।
कभी-कभी एक अगुआ संस्था के काम के एक विशेष हिस्से में शामिल हो जाता है जिसका उसे आनंद आता है। एक फैक्ट्री मैनेजर को मशीनों में से एक को चलाने में आनंद आ सकता है। एक पास्टर को युवा समूह के साथ कार्यक्रम करने में आनंद आ सकता है। एक निर्माण दल के प्रबंधक को कमरों की पेंटिंग करने में आनंद आ सकता है। जबकि, अगुए को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह पूरी संस्था की अगुआई करने पर पर्याप्त ध्यान दे रहा है।
एक पास्टर को अपने लोगों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए तैयार रहना चाहिए और किसी भी काम को अपनी प्रतिष्ठा के हिसाब से छोटा नहीं समझना चाहिए। जबकि, उसे दूसरों को ज़िम्मेदारियों को स्वीकार करने और चर्च के कार्यक्रमों की अगुआई करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। यदि पास्टर ऐसा नहीं करता है, तो सेवा उस काम से आगे नहीं बढ़ पाएगी जो वह व्यक्तिगत रूप से कर सकता है।
► एक अगुए के लिए “अगुआई करने में बहुत व्यस्त” होने का क्या अर्थ होगा?
"सबसे महान नेता जरूरी नहीं कि वह हो जो सबसे महान काम करता हो। सबसे महान नेता वह होता है जो लोगों से सबसे महान काम करवाता है।"
-रोनाल्ड रीगन
एक अगुए के गुण
हमने अगुआई (इसके सबसे बुनियादी रूप में) को प्रभाव के रूप में वर्णित किया है। अगुआ वह व्यक्ति होता है जिसका लोग अनुसरण करते हैं। जबकि, यदि कोई व्यक्ति किसी समूह या संस्था का अगुआ बना रहता है, तो उसमें कम से कम चार अन्य गुण भी मौजूद होते हैं।
(1) एक अगुए के पास अधिकार होता है।
अधिकार का अर्थ है कि दूसरे लोग उसकी इच्छा के आगे झुकते हैं, चाहे स्वेच्छा से या अनिच्छा से। जिस व्यक्ति का लोग स्वेच्छा से अनुसरण करते हैं, उसके पास ज़्यादा शक्ति होती है, क्योंकि जो लोग अधीन होने के लिए मजबूर होते हैं, वे जितना कर सकते हैं उतना ही कम करेंगे। वे किसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए अपनी क्षमताओं और कल्पनाओं का उपयोग नहीं करेंगे।
(2) एक अगुए के पास जिम्मेदारी होती है।
एक अगुए से आशा की जाती है कि उसके पास समूह की सफलता के लिए आवश्यक ज्ञान, योग्यता और विधियाँ हों। यदि समूह सफल नहीं होता है, तो अगुए को दोषी ठहराया जाता है। अगुआ ऐसा व्यक्ति नहीं हो सकता जो असफलता के लिए बहाने बनाता हो और दूसरों को दोषी ठहराता हो। वह ऐसा व्यक्ति नहीं हो सकता जो चाहता हो कि दूसरे निर्णय लें ताकि परिणामों के लिए उसे दोषी न ठहराया जाए।
पुन्तियुस पिलातुस यहूदा प्रदेश पर रोमी राज्यपाल था। उन्हें शासन करने और क्रांतियों को दबाने के लिए नियुक्त किया गया था। अपने शासनकाल के दौरान पिलातुस ने गलतियाँ कीं। उसे यह चिंता थी कि रोम उसके प्रशासन को मंजूरी नहीं देगा।
जब यीशु पर विद्रोही होने का आरोप लगाया गया, तो पिलातुस ने विश्वास नहीं किया कि यीशु दोषी था। फिर भी, यहूदी नेताओं ने संकेत दिया कि वे पिलातुस पर एक क्रांतिकारी को मारने में विफल रहने के लिए रिपोर्ट करेंगे (यूहन्ना 19:12)।
पिलातुस को पता था कि यदि रोम को इसकी खबर मिल गई तो वह किसी बड़ी मुसीबत में पड़ जाएगा। इसलिए उसने एक निर्दोष व्यक्ति को मौत के घाट उतारने का फैसला किया।
पिलातुस ने इस बात से इनकार करने का प्रयास किया कि यह उसका फैसला था। उसने यहूदी नेताओं की मौजूदगी में अपने हाथ धोए, ताकि यह दर्शाया जा सके कि वह दोषी नहीं है।
एक अगुआ अपने द्वारा लिए जाने वाले निर्णयों के लिए दूसरों को दोषी नहीं ठहरा सकता। भले ही वह दूसरों को अपने लिए निर्णय लेने की अनुमति देता हो, फिर भी वह दोषी है।
एक अगुआ लगभग हर विशेष जिम्मेदारी दूसरों को सौंप सकता है, परन्तु वह संस्था की सफलता के लिए अंतिम जिम्मेदारी नहीं सौंप सकता। यदि संस्था विफल हो रही है तो वह दूसरों को दोष नहीं दे सकता। अगुए के पास संस्था के हर विभाग की परम जिम्मेदारी होती है।
एक पास्टर को अपने चर्च में संगीत-शैली के विषय कई शिकायतें मिलीं। उन्होंने कहा कि यह उनकी गलती नहीं थी क्योंकि संगीत का चयन उस व्यक्ति की जिम्मेदारी थी जो आराधना की अगुआई करता था। उसका समस्या के लिए जिम्मेदारी से इनकार करना गलत था क्योंकि आराधना की अगुआई करने वाले व्यक्ति की अगुआई करना उसकी जिम्मेदारी थी।
► क्या होता है यदि एक अगुआ अधिकार का प्रयोग करता है परन्तु जिम्मेदारियों को पूरा नहीं करता है?
(3) एक अगुआ की उन लोगों के प्रति जवाबदेही होती है जिनकी वह अगुआई करता है।
अगुआई कई अन्य लोगों के समर्थन पर निर्भर करती है। एक जवाबदेह अगुआ अपनी जिम्मेदारी को इस तरह से पूरा करता है कि लोग उसे देख सकें। लोग किसी ऐसे व्यक्ति का अनुसरण नहीं करना चाहते जिस पर उन्हें अपने लाभ के लिए जिम्मेदारी लेने का भरोसा न हो। यदि किसी की अगुआई के अच्छे परिणाम नहीं मिलते, तो वह प्रभाव खो देता है। भले ही वह अपना पद बनाए रखे, परन्तु लोग किसी और का अनुसरण करने लगेंगे।
► क्या होता है यदि एक अगुआ अपने अधिकार का प्रयोग करता है परन्तु जवाबदेह होने का प्रयास नहीं करता है?
(4) एक अगुए का व्यापक दृष्टिकोण होता है।
एक अगुआ छोटी-छोटी जीत या हार से स्वयं को मुख्य लक्ष्य से विचलित नहीं होने देता। वह निराशा को अपने साहस को गिरने नहीं होने देता। वह अपने निजी लाभ का त्याग करने में सक्षम है। यदि वह त्याग करने में बहुत घमंडी या असुरक्षित हो जाता है, तो वह बड़ी उपलब्धियाँ प्राप्त नहीं कर पाएगा।
एक राष्ट्र एक आक्रमणकारी सेना के विरुद्ध अपनी रक्षा कर रहा था। राजा ने कई वर्षों तक शासन किया था और उसके लोग उससे प्यार करते थे और उस पर भरोसा करते थे। उसे आक्रमणकारी सेना के जनरल से एक संदेश मिला। जनरल ने राजा को चुनौती दी कि वह अपने तीन बेटों के साथ जनरल और उसके तीन व्यक्तियों से व्यक्तिगत रूप से लड़ने के लिए आए। जनरल ने कहा कि यदि राजा चुनौती स्वीकार नहीं करता है तो वह डरपोक है।
राजा को लगा कि यदि वह चुनौती स्वीकार नहीं करेगा तो उसे अपमानित होना पड़ेगा। उसने सोचा कि उसे अपना साहस प्रमाणित करना होगा। वह और उसके बेटे पुल पर लड़ने के लिए दुश्मनों से मिले। लड़ाई में, राजा और उसके बेटे मारे गए। राष्ट्र नेतृत्वहीन हो गया और आक्रमणकारियों ने उसे जीत लिया।
हारने वाले राष्ट्र के एक कवि ने राजा की मृत्यु और उनकी स्वतंत्रता के छिन जाने पर दुःख व्यक्त किया। उसने कहा कि राजा का अहंकार से प्रेरित होना गलत है। राजा को अपने अहंकार के लिए पूरे राष्ट्र को जोखिम में डालने का अधिकार नहीं है। राजा का काम राष्ट्र का नेतृत्व करना था। जब वह व्यक्तिगत रूप से लड़ने गया, तो उसने नेतृत्व की जिम्मेदारी छोड़ दी।
► क्या वह कवि सही था? क्या वह राजा गलत था?
कभी-कभी एक अगुआ व्यक्तिगत संघर्षों से विचलित हो जाता है। क्योंकि वह किसी से नाराज या क्रोधित होता है, वह संस्था के लाभ के बजाय उस संघर्ष पर ध्यान केंद्रित करता है। एक अगुए को व्यक्तिगत संघर्षों को संस्था की अच्छी तरह से अगुआई करने से रोकने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।
निष्कर्ष
► इस पाठ के कारण आप अपने लक्ष्यों या गतिविधियों में किस प्रकार के परिवर्तन होने की आशा करते हैं?
पाँच सारांश कथन
1. अगुआ वह व्यक्ति होता है जिसका लोग अनुसरण करते हैं।
2. अगुआई का अर्थ है प्रभाव।
3. पद केवल अगुआई करने का एक द्वार है।
4. एक अगुआ मात्र एक निर्माता नहीं बन सकता है।
5. अगुओं को अधिकार रखने की, जिम्मेदार होने की, जवाबदेह होने की और व्यापक दृष्टिकोण रखने की आवश्यकता होती है।
पाठ 1 के कार्य
1. इस पाठ से जीवन बदलने वाली धारणा का सारांश देते हुए एक लेख लिखें। समझाएँ कि यह क्यों महत्वपूर्ण है। इससे क्या लाभ हो सकता है? इसे न जानने से क्या हानि हो सकती है?
2. व्याख्या करें कि आप इस पाठ के सिद्धांतों को अपने जीवन में कैसे लागू करेंगे। यह पाठ आपके लक्ष्यों को कैसे बदलता है? आप अपनी गतिविधियों को कैसे बदलने की योजना बनाते हैं?
3. पाठ 1 के लिए पाँच सारांश कथन याद करें। अगले कक्षा सत्र की शुरुआत में उन्हें याद से लिखने के लिए तैयार रहें।
4. अगले सत्र से पहले, पढ़ें 1 तीमुथियुस 3:1-13, तीतुस 1:5-11, और प्रेरितों 6:1-6। सेवकाई की अगुआई के लिए योग्यताओं के विषय कुछ विचार लिखें।
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