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मसीही परिवार
Course Description
यह पाठ्यक्रम जीवन की भिन्न स्थितियों के माध्यम से मानव विकास पर मसीही दृष्टिकोण प्रदान करता है और पारिवारिक भूमिकाओं और रिश्तों के लिए वचन सम्बंधित सिद्धांतों को लागू करता है।
Introduction
पाठ्यक्रम विवरण
यह पाठ्यक्रम जीवन और पारिवारिक सम्बन्धों, विशेषकर विवाह और बच्चे के पालन-पोषण सम्बन्धी चरणों के लिए परमेश्वर के सिद्धान्तों की शिक्षा देता है। इस अध्ययन के द्वारा, छात्र अपने जीवन के वर्तमान चरण और अपने-अपने सम्बन्धों में परमेश्वर का आदर करने के लिए तैयार हो जाएँगे। वे दूसरों को को भी बाइबल के सिद्धान्त और उन सिद्धान्तों के व्यावहारिक अनुप्रयोग सिखाने के लिए तैयार हो जाएँगे। छात्र प्रेरित होकर अपनी स्थानीय कलीसिया के साथ मिलकर काम करेंगे जिससे उनके समाज और समुदाय के परिवारों में भक्तिपूर्ण जीवन जीने का प्रभाव पड़ेगा।
दूसरी बातों के साथ ही, छात्र बच्चों और किशोरों के पारिवारिक शिष्यत्व सम्बन्धी विषय के बारे में सीखेंगे। पाठ 12, सत्र कार्य 3 उन माता-पिता को निर्देश देता है, जो इस पाठ्यक्रम को ले रहे हैं, जिससे कि वे अपने परिवार के लिए दैनिक मनन समय की योजना बना सकें। Shepherds Global Classroom ने एक पारिवारिक शिष्यत्व पुस्तक, पारिवारिक शिक्षण संसाधन का निर्माण किया है, जिसका माता-पिता चाहे तो अपने पारिवारिक मनन के दौरान उपयोग कर सकते हैं। यह पुस्तक shepherdsglobal.org पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध है।
कक्षा के अगुवों के लिए दिशा-निर्देश
चर्चा के प्रश्नों और कक्षा में होने वाली गतिविधियों को ►द्वारा दर्शाया गया है। चर्चा सम्बन्धी प्रश्नों के लिए, कक्षा के अगुवे को प्रश्न पूछना चाहिए और छात्रों को उत्तर पर चर्चा करने के लिए समय देना चाहिए। आम तौर पर यदि वही छात्र पहले उत्तर देता है, या यदि कुछ छात्र नहीं बोलते हैं, तो अगुवा किसी से इस प्रकार प्रश्न पूछ सकता है: “मुकेश, तुम इस प्रश्न का उत्तर कैसे दोगे?”
प्रत्येक पाठ सामूहिक चर्चा के लिए कई वैकल्पिक प्रश्नों के साथ समाप्त होता है। कक्षा का अगुवा यह चुनाव कर सकता है कि वह समूह के साथ किन प्रश्नों पर चर्चा करेगा।
पाठ्यक्रम में बहुत अधिक वचनों का प्रयोग किया गया है। जिन परिच्छेदों को कक्षा में ज़ोर से पढ़ा जाना चाहिए उन्हें तीरनुमा चिन्ह के द्वारा दर्शाया गया है। समूह में जब कोई छात्र ज़ोर से वचन पढ़े तो अन्य छात्रों को बाइबल में ध्यान देना चाहिए। अन्य समयों पर, मूलपाठ में आने वाले पवित्रशास्त्र के संदर्भों को कोष्ठक में दिए गया है। उदाहरण के लिए: (इफिसियों 6:1)। वे संदर्भ पाठ में कथनों के सहायक हैं। यह आवश्यक नहीं है कि कोष्ठक में दिए गए परिच्छेदों को हमेशा ही पढ़ा जाए।
इस पाठ्यक्रम के अन्त में दो विशेष विषयों पर संक्षिप्त चर्चाओं को शामिल किया गया है। ये विषय पूरी तरह से किसी अन्य पाठ से सम्बन्धित नहीं हैं और न ही ये अपने आप में सम्पूर्ण पाठ हैं। फिर भी, ये विषय मसीही दृष्टिकोण से समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं। कक्षा को पाठ 3 के बाद आने वाले परिशिष्ट क का अध्ययन करके उस पर चर्चा करनी चाहिए और पाठ 10 के बाद आने वाले परिशिष्ट ख का अध्ययन करना चाहिए। उन दो पाठों के अन्त में अनुस्मारक दिए गए हैं।
प्रत्येक पाठ का अन्त पाठ सम्बन्धी नियत कार्यों के साथ होता है। पाठ सम्बन्धी नियत कार्यों को पूरा किया जाना चाहिए और आपके पाठ के समय से पहले उनकी सूचना दी जानी चाहिए। यदि कोई छात्र पाठ सम्बन्धी कार्य नहीं कर पाता, तो वह उसे बाद में कर सकता है। हालाँकि, अगुवे को छात्रों को प्रोत्साहित करना चाहिए कि वे समय-सारणी का पालन करें, जिससे कि वे कक्षा से अधिक से अधिक सीख सकें। प्रत्येक पाठ के पाठ सम्बन्धी नियत कार्य को पूरा करने के अलावा, छात्रों को अगली कक्षा की तैयारी के लिए अगला पाठ भी पढ़े।
यदि छात्र Shepherds Global Classroom से प्रमाणपत्र पाना चाहते हैं, तो उन्हें कक्षा सत्र में भाग लेना चाहिए और सत्र कार्यों को पूरा करना चाहिए। पाठ्यक्रम के अन्त में पूर्ण किए गए पाठ सम्बन्धी नियत कार्यों का लेखा रखने के लिए एक फॉर्म दिया गया है।
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