कक्षा के अगुए के लिए सूचना: इस स़त्र की शुरूआत में, छात्रों को अपने अनुभवों का वर्णन करना है जब उन्होंने पिछले पाठ में सीखी गयी विधियों के साथ सुसमाचार को बाँटा। याद रखें कि छात्रों को एक दूसरे को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता हैं। प्रत्येंक छात्र जिसने सुसमाचार को बाँटा है, भले ही सुनने वाले ने सकारात्मक प्रतिक्रिया ना दी हो तो भी वह कुछ महत्वपूर्ण प्राप्त करता है।
इस पाठ की तैयारी के लिए, कक्षा में रेखा-चित्र का वर्णन करने के लिए एक चॉकबोर्ड, व्हाइटबोर्ड या बड़ा कागज होने के लिए सुनिश्चित करें।
‘‘जो कुछ हम ने देखा और सुना है उसका समाचार तुम्हें भी देते हैं, इसलिये कि तुम भी हमारे साथ सहभागी हो; और हमारी यह सहभागिता पिता के साथ, और उसके पुत्र यीशु मसीह के साथ है’’। (1 यूहन्ना 1:3)
► सुसमाचार को बांटने के लिए प्रेरीत ने क्या कारण दिया?
हमने अनुभव किया है कि परमेश्वर का सामना करने और परिवर्तित होने, उसके साथ रिश्ता शुरू करने के क्या मायने है हमारा दूसरों के साथ भी एक विशेष रिश्ता है जो परमेश्वर के साथ रिश्ते में हैं। जब हम सुसमाचार को बताते है, तो हम दूसरों को परमेश्वर के साथ और अन्य जो उन्हें जानते है उनकी संगति में आने के लिए आमंत्रित कर रहे है।
सुसमाचार की यह प्रस्तुति संक्षिप्त और यादगार है। यह एक रेखा-चित्र का उपयोग करती है जो किदी के भी द्वारा स्मरण किया जा सकेगा जो इस प्रस्तुति को देखेगा। इसे दो मिनट में प्रस्तुत किया जा सकता है, या विचार-विमर्श और स्प ष्टीकरण को सम्मिलित करने के लिए विस्तारित किया जा सकता है यदि सुनने वाले रूचि रखते हैं तो।
यह आवश्यक नहीं हैं कि आप एक कुशल कलाकार हों। रेखा-चित्र सरल है, और इसकी सरलता सुनने वाले को इसे याद रखने में मदद करती है।
अब हम रेखा-चित्र के चरणों के माध्यम से जाएंगे, जिसमें प्रत्येक भाग के साथ जाने के लिए व्याख्यात्मक शब्दांकन होगा।
कक्षा अगुवे के लिए सूचना: छात्रों के देखने के दौरान प्रस्तुति का प्रदर्शन करें। कोशिश करें कि प्रस्तुति में अतिरिक्त स्पष्टिकरण ना जोड़ें। यह छोटा होना चाहिए ताकि छात्र इसे आसानी से सीख सकें। पहली बार इस प्रदर्शन को देखते समय छात्र चित्र को कागज़ पर उतारने का प्रयास ना करे।
दूसरे प्रदर्शन के लिए, छात्रों को रेखा-चित्र के हर चरण का चित्रण करना है, कक्षा अगुआ रेखा-चित्र को पर्याप्त बढ़ा बनाए ताकि वह आसानी से दिखे। प्रस्तुति में अधिक स्पष्टिकरण जोड़ने का प्रयास ना करें। दूसरे प्रदर्शन के बाद, कक्षा को नीचे दिए गए स्पष्टिकरण को सम्मिलित करें, फिर प्रस्तुति के अभ्यास के लिए वापस जाएं।
‘‘परमेश्वर ने हर मनुष्य को उसके साथ संगति में रहने और एक आशीष भरा जीवन जीने के लिए सृजा है। समस्याओं और पीड़ाओं से भरा जीवन उसने नहीं रचाया है।”
[“परमेश्वर” शब्द लिखें और किसी व्यक्ति का चित्र बनाएं।]
भाग - 2
“मनुष्य पाप के कारण परमेश्वर से अलग हो गया है। सृष्टि के प्रथम लोगों ने पाप किया, और तब से हर व्यक्ति ने परमेश्वर के विरूद्ध पाप किया।“
[अलग होने का चित्र बनाये और “पाप” शब्द को लिखें।]
भाग - 3
‘‘प्रभु धार्मिकता से न्याय करने वाला है, और पापियों को एक दिन नरक में अनन्त काल के लिए दंडित किया जायेगा जब तक कि वे दया नहीं पाते हैं और परमेश्वर के साथ रिश्ते में वापस नहीं आते हैं।’’
[तीर और नरक शब्द का चित्र बनाए]
भाग - 4
‘‘परमेश्वर के पास वापस जाने के लिए और दया हांसिल करने के लिए हम कुछ भी नहीं कर सकते हैं - अच्छे काम, कलिसिया में जाना, धार्मिक रीति-रिवाज, ना ही पैसे देना ....’’
[सूची में प्रत्येक अंश के साथ तीर खींचे]
भाग - 5
‘‘यदि परमेश्वर ने हमारे लिए उसके पास वापस आने का मार्ग तैयार नहीं किया होता तो हमारी स्थिति निराशाजनक होती। परमेश्वर का पुत्र यीशु क्रूस पर बलिदान हुआ ताकि हम माफ किये जाए। तीन दिनों के बाद, वह मृतकों में से जी उठा।’’
[क्रूस बनाएं]
भाग - 6
‘‘लेकिन सिर्फ यह जान लेना इतना काफी नहीं है। बचाए जाने और परमेश्वर के पास वापस आने के लिए हर व्यक्ति को व्यक्तिगत चुनाव करना पड़ेगा। व्यक्ति को पश्चाताप करना ही होगा, जिसका अर्थ है कि पाप के लिए पर्याप्त खेद व्यक्त करना और पाप छोड देने के लिए तैयार रहना। एक व्यक्ति जो पश्चाताप करता है वह प्रार्थना में परमेश्वर से मांग कर क्षमा प्राप्त कर सकता है”।
[तीर को बनाए, पश्चाताप और प्राप्त शब्दों को लिखें]
भाग - 7
‘‘आपके ख्याल से आप इस चित्र में कहाँ हैं? क्या आपके जीवन में कोई विशेष समय आया जब आपने अपने पापों का पश्चाताप किया, परमेश्वर की क्षमा प्राप्त की, और परमेश्वर के लिए जीना शुरू कर दिया; या, क्या आप अभी भी पाप के कारण परमेश्वर से अलग हैं?’’
[उत्तर के लिए रूके। कई व्यक्ति यह स्वीकार करेंगे कि वे अभी भी परमेश्वर से अलग है।]
“क्या आप यह कदम उठाने के लिए तैयार हैं? पश्चाताप करना, क्षमा प्राप्त करना, और परमेश्वर के लिए जीना शुरू करें? मुझे आपके साथ अभी प्रार्थना करने में खुशी होगी’’।
[निम्नलिखित के लिए कुछ इसी तरह प्रार्थना करें।]
‘‘हे प्रभु, मैं जानता हूँ कि मैं एक पापी हूँ और अनन्त दण्ड के योग्य हूँ। मैं अपने पापों के लिए क्षमा चाहता हूँ और उन्हें छोडने को तैयार हूँ। मै क्षमा के लिए आपसे याचना करता हूँ, इसलिए नहीं की मैं इसके योग्य हूँ, बल्कि इसलिए कि यीशु मेरे लिए मरा। उद्धार के लिए धन्यवाद। अब से, मैं आपके लिए जीऊंगा।’’
स्पष्टीकरण
भाग - 1
प्रस्तुति की शुरूआत सुनने वालों पर लागू करने के लिए अनुकूलित की जा सकती हैं। ‘‘समस्याओं और पीड़ाओ से भरे जीवन’’ के बावजूद, सुसमाचार प्रचारक कुछ और विशिष्ट का उल्लेख कर सकता है जो सुनने वाले के अनुभव से संबंधित हैं।
भाग - 2
सुनने वाले के लिए यह महसूस करना महत्वपूर्ण है कि वह व्यक्तिगत रूप से पाप का दोषी है और परमेश्वर से अलग हो गया है। वह बस उस स्थिति में नहीं हैं जो आदम के पाप के परिणामस्वरूप हुआ था।
भाग - 3
यह पापी की स्थिति का सबसे गंभीर पहलू दिखाता हैं।
भाग - 4
इस भाग का उद्देश्य सुनने वाले को यह दिखाना है कि उसे उद्धार के लिए गलत चीजों पर भरोसा नहीं करना चाहिए। इस भाग को सुनने वालो की जरूरतों के अनुकूल बनाया जा सकता हैं। सुसमाचार प्रचारक को उन चीजों को नाम देने की कोशिश करनी चाहिए जिन पर सुनने वाले को भरोसा होने की संभावना है।
भाग - 5
प्रायश्चित की व्याख्या करने का सबसे सरल तरीका यह है कि ‘‘यीशु एक बलिदान के रूप में क्रूस पर मर गए ताकि हमें क्षमा किया जा सके।’’ इस भाग का उद्देश्य सुनने वाले को यह एहसास कराने में मदद करता है कि उसे परमेश्वर द्वारा प्रदान किये गए उद्धार पर निर्भर होना चाहिए।
भाग - 6
सुसमाचार प्रचारक सुसमाचार सुनने वाले को निर्णय लेने के क्षण पर लाने की कोशिश करता है। सुनने वाले को यह महसूस करने की आवश्यकता है कि उसे एक व्यक्तिगत चुनाव करना होगा। उसे पश्चाताप के लिए सही परिभाषा जानने की जरूरत है, ताकि वह जाने कि पश्चाताप अफसोस और मुझे खेद है कहने से अधिक है। उसे यह जानने की जरूरत है कि उसे परमेश्वर से क्षमा मांगने की याचना करनी है।
भाग - 7
इस बिंदु पर आकर, प्रचारक सुनने वाले को यह समझाने की कोशिश करता है कि उसे उद्धार की आवश्यकता है। प्रस्तुति को, उद्धार ना पाए हुए व्यक्ति को यह एहसास कराने में मदद करने के लिए रूपांकित किया गया है कि उसने उद्धार नहीं पाया है। प्रश्न को ध्यान से अभिव्यक्त किया गया है। कई लोग यह सोचते है उन्हें रोज क्षमा मांगनी चाहिए क्योंकि वे पाप में रहना जारी रखते है। प्रश्न उस एक विशेष समय के बारे में पूछता है जब व्यक्ति को बचाया जाता है और एक नया जीवन शुरू होता है। उसे यह महसूस करने की आवश्यकता है कि यदि उसने परिवर्तन का अनुभव नहीं किया है, तो वह अभी भी अपने पाप के द्वारा परमेश्वर से अलग है। फिर, सुसमाचार प्रचारक उसके साथ उद्धार के लिए प्रार्थना करने की पेशकश करता है।
यदि सुनने वाला उसकी आवश्यकता को नहीं समझता है या पश्चाताप करने के लिए तैयार नहीं है, तो प्रचारक को उसे प्रार्थना करने के लिए दबाव नहीं देना चाहिए। यदि वह वास्तव में पश्चाताप और परिवर्तन का अनुभव किए बिना प्रार्थना करता है तो उसे उद्धार का झूठा आश्वासन हो सकता है या यह विश्वास हो सकता है कि उसके लिए उद्धार नहीं है। इस कारण, बाद में उसके बचने की संभावना कम हो सकती है।
रेखा-चित्र को जल्दी से प्रस्तुत किया जा सकता है। यदि आपके पास सुसमाचार बांटने का अवसर है तो आप बस पूछ सकते हैं, ‘‘क्या मैं आपको एक चित्र दिखाने के लिए दो मिनट का समय ले सकता हूँ, जो यह दर्शाता है कि बाइबल क्या कहती है कि निश्चित रूप से यही रास्ता है जानने का कि आप बच गए हैं?’’ इससे व्यक्ति को पता चल जाता है कि आप उसका ज्यादा समय नहीं लेने वाले है। यदि वह रूचि लेता है और इसके बारे में बात करना चाहता है तो आप और अधिक समय ले सकते है।
आमतौर पर लोग चित्र में रूचि लेते हैं। और अक्सर सुसमाचार प्रचारक के निपट जाने के बाद व्यक्ति चित्र रखने की मांग करता है।
कक्षा के अगुए के लिए सूचना
प्रस्तुति को बार-बार प्रदर्शित करें। प्रस्तुति की अधिक टिप्पणी या अधिक स्पष्टीकरण देने से बचें क्योंकि छात्र इसे और आसानी से सीखेंगे यदि यह छोटा है। कई प्रदर्शनों के बाद, विभिन्न छात्र समूह में बारी-बारी से प्रस्तुति का प्रदर्शन कर सकते हैं, इस दौरान समूह के सदस्य उन्हें विवरण याद रखने में मदद करते हैं। फिर, छात्र जोड़ो में विभाजित हो सकते है और एक दूसरे के साथ प्रस्तुति का अभ्यास कर सकते हैं।
पाठ 9 कार्यभार
(1) कम से कम तीन अविश्वासियों के लिए मिलाप चित्र के साथ सुसमाचार प्रस्तुत करें। प्रत्येक अनुभव का वर्णन करने वाला एक अनुच्छेद लिखें और अगले कक्षा सत्र में इसके बारे में बताने के लिए तैयार रहें।
(2) अगले पाठ की तैयारी में, रोमियों 1-3, रोमियों 5 और रोमियों 10 को पढ़ें और मनन करें।
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