► क्या हमे पापियों के लिए प्रार्थना करनी चाहिए? बाइबल में हमें पापियों के लिए प्रार्थना करने के लिए कहाँ कहा गया है?
बाइबल में ऐसा वचन पाना आसान नहीं है जो सीधे तौर से कहता हो कि हमें पापियों के परिवर्तन के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। हम जो पाते हैं वह बहुत सारे वचन हैं जो हमें बताते है कि हमें सुसमाचार के प्रभावी प्रसार के लिए प्रार्थना करनी चाहिए (2 थिस्सलुनीकियों 3:1, इफिसियों 6:19, कुलु 4:4, प्रेरि 4:29)
हम जानते है कि हमें सुसमाचार की सफलता के लिए प्रार्थना करने के साथ-साथ पापियों के परिवर्तन के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। हमें सब के लिए प्रार्थना करने के लिए कहा जाता है, जिसमें यह प्रार्थना शामिल है कि पापियों को परिवर्तित किया जाएगा (1 तीमुथियुस 2:1)। लोगों को पश्चाताप (2 तीमुथियुस 2:25) की ओर लाने की कोशिश करने के लिए, हमें बताया गया है, और उस काम में परमेश्वर की मदद के लिए प्रार्थना करना उचित होगा।
जब कलीसिया अपने सबसे अच्छे रूप में होती है तो सुसमाचारीता सहज और स्वाभाविक रूप से घटित होता है। कलीसिया की पहली पीढ़ी प्रेरितों की पुस्तक में वर्णित है, ऐसा लगता है कि हर कोई खुशी से सुसमाचार फैला रहा था।
► एक छात्र को समूह के लिए प्रेरितों 2:46-47 पढ़ना चाहिए।
ज़ाहिर है, कलीसिया की सहभागीता इतनी सशक्त और जीवित थी कि यह स्वाभाविक रूप से दूसरों को आकर्षित करती थीं। यह हमें बताता है कि अगर कलीसिया नए लोगों को आकर्षित नही कर रही है तो इसकी सहभागीता उतनी सशक्त नहीं है जितनी होनी चाहिए।
► एक छात्र को समूह के लिए प्रेरितों 5:42 पढ़ना चाहिए।
प्रेरितों और अन्य लोगों को हर जगह और हर समय सुसमाचार के लिए अवसर मिलते थे। कुछ कलीसियाएं सुसमाचार बांटती नहीं आ रही हैं, और उन्हें समझ नहीं है कि कैसे शुरू किया जाए। वे नहीं जानते कि सुसमाचार के लिए अवसर कैसे प्राप्त करें।
► एक छात्र को समूह के लिए प्रेरितों के काम 8:1-4 पढ़ना चाहिए।
सताव के कारण, कई मसीही यरूशलेम छोड कर अन्य स्थानों में रहने के लिए चले गए थे। उन्होंने सुसमाचार को उन सभी स्थानों पर बांटा जहां वे गए। उनके लिए, सुसमाचार को बांटना मसीही जीवन का हिस्सा बन गया था।
कलिसियाओं के विषय में बहस
आपको उद्धार न पाए लोगों की उपस्थिति में अन्य कलीसिया के विषय में बहस करने से बचना चाहिए। सुसमाचार को बांटते समय अन्य कलीसियाओं की आलोचना न करें। धार्मिक तर्क में सही निष्कर्ष पर आने के लिए उद्धार न पाए लोगों मे आत्मिक विवेक नहीं होता है। जगत के कई लोगों का कहना है कि कलीसियाओं के बीच विवादों के कारण वे मसीहत में विश्वास नहीं करते है।
यदि कोई व्यक्ति सैद्धांतिक मतभेदों के बारे में पूछने पर ज़ोर देता है तो वचन से उत्तर दें, लेकिन उसे सुसमाचार की प्राथमिकता पर वापस लाने का प्रयास करें। आप कह सकते हैं, ‘‘इस तरह के प्रश्न महत्वपूर्ण हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बाचाया जाना और परमेश्वर के साथ संबंध महत्वपूर्ण हैं।’’ यदि वे आपको एक ऐसे मसीही के विषय में बताते है जिसे वे जानते है, शायद कोई रिश्तेदार या पास्टर तो उस व्यक्ति के सिद्धांत के विषय में आलोचनात्मक बाते न कहने का प्रयास करें।
यदि आपको यह समझाना है कि आपकी कलीसिया अलग क्यों है तो आप कह सकते हैं, ‘‘किसी व्यक्ति के लिए पाप का पश्चाताप करना, क्षमा किया जाना, और परमेश्वर की आज्ञाकारिता में रहना महत्वपूर्ण है। हमारी कलीसिया उस प्राथमिकता पर ज़ोर देती है, इसलिए हम उन कई कलीसियाओं से अलग हैं जो कुछ और बातों पर जोर देते है।’’
कठिन प्रश्न
कुछ मसीही सुसमाचार प्रचार करने से डरते हैं क्योंकि वे कठिन प्रश्न से डरते हैं। सीखते रहना अच्छा है, लेकिन तथ्य यह है कि अधिकांश मसीही सभी कठिन प्रश्नों के जवाब देना नहीं जानते हैं। आपको सभी उत्तरों को जानने की आवश्यकता नहीं हैं।
यदि कोई ऐसा प्रश्न पूछता है जिसका उत्तर आप नहीं दे सकते है तो आप कुछ इस तरह से कह सकते है: ‘‘मुझे उस प्रश्न का सबसे अच्छा उत्तर नहीं पता हैं। हमारी कलीसिया में कोई दूसरा इसका उत्तर देने में मदद कर सकता है। लेकिन मुझे बाइबल पर विश्वास है, और मेरा मानना है कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि परमेश्वर को जानों और बचो। मुझे पता है कि आपको कैसे बचाया जा सकता हैं।’’
यदि कोई व्यक्ति कहता है, ‘‘मैं बाइबल पर विश्वास नहीं करता,’’ या ‘‘मैं परमेश्वर में विश्वास नहीं करता,’’ तो दो दो अलग दिशा मे वार्तालाप को आगे ले जा सकते हैं। आप उससे उसकी राय के लिए कारण पूछ सकते है और उसे कुछ प्रमाण देने कि कोशिश कर सकते हैं। दूसरी दिशा यह कह सकते हैं, ‘‘आपने शायद इस विषय में सोचा है और तार्किक निष्कर्ष पर आने की कोशिश की है। लेकिन, भले ही आप बाइबल पर विश्वास न करें मगर एक बुद्धिमान व्यक्ति के रूप में आप बाइबल के मूल संदेश को जानना चाहेंगे। क्या मैं आपको दिखा सकता हूँ कि यह क्या है?" ऐसा करने से आप बहस किए बिना सुसमाचार बाँट सकते हैं। परमेश्वर बाद में उसे प्रभावित करने के लिए संदेश का उपयोग कर सकते हैं।
जब आप सुसमाचार प्रचार कर रहे होते हैं, तो आप किसी ऐसे व्यक्ति को मिल सकते हैं, जो बस बहस करना चाहता हो। आपको उसके साथ बहुत समय बर्बाद करने से बचना चाहिए। भले ही आप सभी सही बातें कहें, लेकिन वह शायद सच्चाई को स्वीकार नहीं करेगा। सुसमाचार की मूल बातें बांटने का प्रयास करें, फिर आगे बढ़ें और किसी और से बात करें।
सुसमाचार का बचाव
► एक छात्र को समूह के लिए तीतुस 1:9-11 पढ़ना चाहिए। यह अनुच्छेद क्या कारण देता है कि हमें सुसमाचार का बचाव करना चाहिए?
एक पास्टर को जिन क्षमताओं का विकास करना चाहिए उनमें से एक यह है कि सांसारिक तत्वज्ञान के खिलाफ मसीही सत्य की रक्षा करना। यह विभिन्न कलीसियाओं के सिद्धांत के विषय में बहस करना नही है, पर सुसमाचार के खिलाफ दुनिया का विरोध हैं।
हमें सच्चाई का बचाव करने के कारण न केवल बहस करने वाले व्यक्ति को बदलने की कोशिश करना है, बल्कि उन लोगो की मदद करनी है जो उससे प्रभावित हुएं है। कई लोगों ने अभी तक यह तय नंहीं किया है कि क्या विश्वास करना चाहिए। उन्हें मसीही सच्चाई का बचाव सुनने की आवश्यकता है।
अधिकांश मसीही इस तरह की बहस के लिए पूरी तरह से सुसज्जित नहीं हैं। हर मसीही को जितना हो सके उनता सीखना चाहिए, लेकिन कुछ लोग विशेष रूप से प्रतिभाशाली होते हैं और वे उस काम के लिए तैयार होते हैं।
बहस के दौरान, अपना उद्देश्य दिखाना महत्वपूर्ण है। आप एक प्रतियोगिता जीतने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। आप व्यक्ति से व्यक्तिगत दुश्मन के रूप में नहीं लड़ रहें है। आपको यह दिखाने की ज़रूरत है कि सच्चाई आपके लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आप लोगों की परवाह करते हैं। यदि वह ससुमाचार को नहीं मानता है, तो उसकी आत्मा खो जाएगी। इसलिए आप उसका मन बदलना चाहते हैं। आप कुछ ऐसा कह सकते है, ‘‘मैं चाहता हूँ कि आप परमेश्वर को जानें और बच जाएं, और मुझे डर है कि आप कुछ ऐसा मानते हैं जो आपको परमेश्वर तक नहीं पहुंचाएगा।’’
अवसरों को बनाने के हुनर का विकास करना
हमारे पास उस समय के बाइबल में कुछ अभिलेख है जब एक सुसमाचार प्रचारक को सुसमाचार बांटने का विशेष अवसर मिला।
► एक छात्र को समूह के लिए प्रेरितों के काम 8:26-39 पढ़ना चाहिए। एक अन्य छात्र को समूह के लिए कहानी को संक्षेप में प्रस्तुत करने के लिए कहा जा सकता है। इस घटना में परमेश्वर की आत्मा कैसे सक्रिय थी? फिल्लिपुस ने सुसमाचार के अवसर को कैसे पहचाना?
सुसमाचार प्रचारक के सुसमाचार का अवसर पहचानने वाला एक अन्य उदाहरण स्वयं यीशु हैं।
► एक छात्र को समूह के लिए यूहन्ना 4:7-14 पढ़ना चाहिए। एक अन्य छात्र से कहानी को संक्षेप में पूछा जा सकता है।
यीशु और सामरी महिला के बीच की बातचीत में पारंपरिक संघर्ष, धार्मिक विवाद और जीवन में नियमित कर्तव्य शामिल थे। यीशु ने इस विषय पर ज्यादा समय नहीं बिताया, लेकिन बातचीत को महिला की आत्मिक आवश्यकता की ओर बढ़ाया।
जब आप सुसमाचार बांटना सीख जाते हैं तो आप लोगों के साथ उसे बांटने के लिए अवसरों को देखेगें। कभी-कभी कोई व्यक्ति सुसमाचार सुनने के लिए कह सकता है, लेकिन अवसर आमतौर पर प्रत्यक्ष नहीं होते है।
कुछ मसीही महसूस करते है कि सुसमाचार को बांटना मुश्किल है क्योंकि उन्हें लगता है कि लोग इसे सुनने में रूचि नहीं रखते हैं। उन्हें लगता है कि धर्म के बारे में बातचीत शुरू करना मुश्किल है।
सुसमाचार कई चिंताओं से निपटता है जो लोगों के पास हैं। परन्तु, सुसमाचार को बातचीत में प्रस्तुत करना मुश्किल नहीं हैं।
इस पाठ में, हम आगे उन करणों के विषय में बात करेंगे जो लोगों के सुसमाचार मे रूचि रखने के कारण है।
उद्देश्य की विविधता
उद्धार की पेशकश का जवाब देने के लिए लोगों के विभिन्न उद्देश्य हैं। कभी-कभी गलत उद्देश्य होते हैं, लेकिन कई सहीं उद्देश्य भी होते है।
► सुसमाचार को स्वीकार करने के लिए आपका क्या कारण था? कई छात्रों को अपने परिवर्तन के कारणों का वर्णन करने दें।
यहां विभिन्न उद्देश्य हैं जो लोगों को उद्धार की कामना करने के लिए प्रेरित करते हैं।
स्वर्ग जाने के लिए, ना कि नर्क (या न्याय का डर)।
जीवन में पूर्णता और उद्देश्य पाने के लिए।
सुरक्षा, मन की शांति, और भय से मुक्ति पाने के लिए।
क्षमा प्राप्ती, दोष से मुक्ति (स्पष्ट विवेक) पाने के लिए।
पूर्ण और आत्मिक रीति से शुद्ध होने के लिए।
परमेश्वर के साथ संगति करने (परमेश्वर को जानने) के लिए।
मसीहीयों के साथ संगति करने के लिए।
आत्मिक कामना की संतुष्टि के लिए (सच्चा आनंद)।
पाप से मुक्ति पाने के लिए।
सत्य को जानने के लिए।
ये परमेश्वर के साथ मेल-मिलाप के प्रत्यक्ष लाभ हैं। वे सांसारिक चिंताओं के बारे में नहीं है जो अनन्त मूल्यों के साथ टकराव करते हैं। किसी व्यक्ति के पास इन चीजों का अभाव होता है यदि वह परमेश्वर से अलग हो जाता है।
► इस सूची कि ओर देखेँ और विचार करें कि आपके लिए कौन सी बातें महत्वपूर्ण हैं। आपके परिवर्तित होने से पहले आपको कौन सी बात ने आकर्षित किया? परिवर्तन के बाद आपके लिए कौन सी बातें महत्वपूर्ण बन गयी?
एक उद्धार न पाया हुआ व्यक्ति अपनी बातचीत में दिखा सकता है कि उसे उद्धार के इन लाभों में से एक बात की आवश्यकता महसूस होती है। सुसमाचार प्रचारक उस ज़रूरत को संबोंधित करने के लिए सुसमाचार को बांटने के लिए अपने दृष्टिकोण को अनूकूलित कर सकता है। ऐसे बोले, ‘‘लोगों के पास _____________ नहीं होने का कारण यह है कि वे परमेश्वर से अलग हो जाते है। बाइबल बताती है कि परमेश्वर के साथ रिश्ते में वापस कैसे आना है।’’
यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि हम किसी ऐसे व्यक्ति को सांसारिक खुशी का वायदा नहीं कर रहें हैं जो मसीही बन जाएगा। एक व्यक्ति जो इस कारण से मसीही बनने का फैसला करता है, वह वस्ताव में पाप का पश्चाताप नहीं कर रहा है और इसलिए, उसे उद्धार का लाभ नहीं मिलेगा। एक और कारण कि हमें सांसारिक सुख का वायदा नहीं करना चाहिए वो ये कि बाइबल मसीहीयों के लिए अच्छी स्थितियों का वायदा नहीं करती है; इसके बजाय, यह सताव का पूर्वानुमान करती हैं (2 तिमुथियों 3:12) ।
किस व्यक्ति के लिए मसीह का अनुयायी बनने का सबसे महत्वपूर्ण कारण यह है कि उसे अपने अपराध और आने वाला न्याय का एहसास होता है। अन्य बात जो उपरोक्त सूची मे किसी व्यक्ति को इस बात का एहसास कराने मे इस्तेमाल की जा सकती है वो यह कि वह परमेश्वर से अलग हो गया है।
वार्तालाप में अवसरों को पहचानना
► सुसमाचार को बांटने का अवसर प्राप्त करने के लिए आपने किस खुले अवसर का उपयोग किया हैं?
► क्या आप में से किसी को भी सुमाचार बांटने का अवसर मिलना मुश्किल लग रहा हैं? आपको इसका कारण क्या लगता है?
कभी-कभी एक अवसर आसानी से आता हैं। ऐसे मामलों में आप बस सुसमाचार को समझाना शुरू कर सकते है। यदि आप उन्हें वचनों को दिखाना चाहते हैं तो आप पूछ सकते है, ‘‘क्या मैं आपके कुछ मिनट ले सकता हूँ कि बाइबल क्या कहती है एक मसीही कैसे बने के विषय में?’’ अगर आप मिलाप का चित्र दिखाना चाहते है, तो आप पूछ सकते है, ‘‘कया मैं आपके दो मिनट ले सकता हूँ यह दिखाने के लिए कि जो यह चित्रण करता हैं कि पवित्र शास्त्र क्या कहती है कि यह सुनिश्चित करने का तरीका है कि आप बच गए हैं?’’
विभिन्न विषयों पर बातचीत में खुले अवसर दिखाई देता है। यहां वर्णित किसी भी बातचीत से खुले अवसर का उपयोग मिलाप चित्र की प्रस्तुति या रोमी मार्ग जैसे वचन से सुसमाचार प्रस्तुति के लिए किया जा सकता है।
► कितने लोगों ने लोगों को अपने जीवन की कठिन परिस्थितियों के बारे मे शिकायत करते सुना है?
कभी-कभी लोग अपने जीवन में कठिन परिस्थितियों के बारे में शिकायत करते हैं। उनसे पूछें, "जीवन इतना कठिन क्यों है?" जब वे जवाब देदें, आप कहें "क्या मैं आपको एक चित्र दिखा सकता हूँ जो दिखाता है कि जीवन इतना कठिन क्यों है?" यह कहकर शुरू करें कि परमेश्वर का इरादा हमारे लिए उसके साथ रिश्ते में रहने का था और जीवन को वैसा नहीं बनाना था जैसा वह है। दुनिया पाप से क्षतिग्रस्त हो गई है। चित्र प्रस्तुत करने के लिए आगे बढ़ें।
रोमी मार्ग कि तरह, पवित्रशास्त्र से सीधे एक प्रस्तुति का उपयोग करने के लिए, आप कह सकते हैं, ‘‘बाइबिल बताती है कि जीवन कठिन है क्योंकि सभी ने पाप किया है। पाप संसार में श्राप को लाया है।’’ रोमी मार्ग के माध्यम से जारी रखें।
अगर व्यक्ति धार्मिक लग रहा हैं तो आप उसे पूछ सकते है कि उसका सबसे मुख्य विश्वास क्या हैं। या आप उसे पूछ सकते हैं, ‘‘आप क्या मानते हैं कि किस तरह से एक व्यक्ति जान सकता है कि वह स्वर्ग जाएगा?’’ उसका उत्तर सुनने के बाद, पूछें ‘‘क्या मैं दो मिनट ले सकता हूँ यह चित्र दिखाने के लिए कि बाइबल इस विषय में क्या कहती है कि एक व्यक्ति स्वर्ग कैसे जा सकता है?’’
► क्या आपने लोगों को दुनिया की खराब स्थिति या राष्ट्रीय समस्याओं के बारे में बात करते सुना है? आप इसे सुसमाचार को बांटने के अवसर के रूप में कैसे उपयोग करेंगे?
यदि कोई व्यक्ति राष्ट्रीय समस्याओं, विश्व की भूख, या गरीबी, या युद्ध के विषय में बात कर रहा है, तो पूछें, ‘‘क्या मैं आपको पवित्रशास्त्र में से दिखा सकता हूँ जो यह समझाता है कि संसार ऐसा क्यों है जैसा वह है?’’
उसे दिखाओं कि संसार की हालत ऐसी इसलिए है क्योंकि पापी परमेश्वर से अलग हो गया है। ऐसा संकेत न करें कि उद्धार तुरंत सभी समस्याओं को समाप्त कर देता है, लेकिन यह दर्शाता है कि व्यक्तिगत उद्धार परमेश्वर के समाधान की शुरूआत है। किसी दिन एक नया स्वर्ग और पृथ्वी होगी और उन समस्याओं का अस्तित्व उन लोगों के लिए नहीं होगा जिनका परमेश्वर के साथ मेल हुआ हैं।
खुले प्रश्नों का इस्तेमाल करते हुए
बातचीत शुरू करने के लिए प्रश्नों का इस्तेमाल किया जा सकता है, और फिर बातचीत से सुसमाचार का एक अवसर खुल जाएगा।
सबसे आसान प्रश्न केवल यह पूछने के लिए, ‘‘क्या आप मसीही है?’’ अधिकांश लोग इस सवाल पर नाराज नहीं होते है। यदि वह व्यक्ति कहता है, ‘‘नहीं,’’ आप पूछ सकते है, ‘‘क्या मैं आपको बता सकता हूँ कि पवित्र शास्त्र यह बताती है कि एक व्यक्ति मसीही कैसे बनता हैं?’’
अगर व्यक्ति कहता है, "हाँ, मैं मसीही हूँ," आप बोल सकते है, "ये तो अद्भुत है। आप मसीही कैसे बने?" यदि उत्तर गलत है या व्यक्ति इस बारे मे स्पष्ट नहीं है, आप स्पष्ट करने की पेशकश कर सकते है कि पवित्रशास्त्र क्या कहता है कि व्यक्ति मसीही कैसे बनता है।
उपरोक्त भाग के प्रश्नों का उपयोग बातचीत के दौरान अन्य प्रारंभिक प्रश्नों के रूप में किया जा सकता है। नीचे कुछ और प्रश्न हैं।
‘‘आपको क्या लगता है जीवन का उद्देश्य क्या है?’’ व्यक्ति को अपनी राय देने दें। जो भी उसके कथनों के विषय में अच्छा है, उसके साथ सहमत हों। और कहे, ‘‘हमारे उद्देश्य का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा परमेश्वर को जानना है। उसने हमें उसके साथ रिश्ते में रहने के लिए बनाया गया है। क्या मैं दिखा सकता हूँ कि परमेश्वर के साथ रिश्ते मे कैसे आना है, इस बारे मे पवित्रशास्त्र क्या कहता है?"
‘‘आपको क्या लगता है कि खुशी की कुंजी क्या है?’’ वे जो भी सुझाव देते हैं आप कह सकते हैं, ‘‘बहुत से लोग जिनके पास वह है बहुत लंबे समय तक खुश नज़र नहीं आते हैं। बाइबल हमें यह बताती है खुशी परमेश्वर से आती है (भजन संहिता 16:11)। क्या मै आपको एक चित्र दिखा सकता हूँ जो यह बताता है कि कैसे एक व्यक्ति परमेश्वर के साथ रिश्ते बना सकता सकता है?’’
‘‘क्या आप मृत्यु के बाद जीवन में विश्वास करते हैं? आपको क्या लगता है कि यह कैसा है?’’ फिर, ‘‘बाइबल कहती है हर व्यक्ति स्वर्ग या तो नर्क में जाएगा। क्या मै आपको दिखा सकता हूँ बाइबल कि स्वर्ग में कैसे जाए के विषय में क्या कहती है?’’
‘‘आप क्या सोचते है कि बाइबल का मूल संदेश क्या हैं?’’ यह आपको पाठ 9 से चित्र दिखाने का अवसर देता है।
► क्या किसी ने पहले से ही इनमें से किसी एक के समान दृष्टिकोण का उपयोग किया है? इसने कैसे काम किया?
इस पाठ में वर्णित प्रत्येक विधि से हर वर्ग सदस्य सहज महसूस नहीं करेगा। यह संभव है कि प्रत्येक संस्कृति में एक विधि उपयुक्त न हो।
पाठ का उद्देश्य छात्र को खुद कि पहुँच विकसित करने के तरीके को खोजने में मदद करना है।
कक्षा के अगुए के लिए सूचना
अगले पाठ में सुसमाचार पर्चा वितरित करने के लिए निर्देश शामिल है। छात्रों को यह जानना होगा कि वितरण के लिए पर्चे कहाँ से प्राप्त करें। यदि संभव हो तो अगले कक्षा सत्र में सामग्री लाएं।
पाठ 12 कार्यभार
जब आप इस सप्ताह सुसमाचार को बांटना जारी रखते हैं तो इन शुरूआती खुले प्रश्नों में से कुछ को आज़माएं या खुद के विकसित करें। देखें वे कैसे काम करते है और वर्णन का एक अनुच्छेद लिखे। अगले कक्षा सत्र में अपने अनुभव के विषय में बताने के लिए तैयार रहें।
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