बाइबल आधारित सुसमाचार का प्रचार और शिष्‍यत्‍व
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Lesson 11: सुसमाचार प्रचार

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by Stephen Gibson


परिचय

► एक छात्र को समूह के लिए 1 कुरिन्थियों 1:17-25 पढ़ना है। खोए हुए को बचाने के लिए परमेश्वर का तरीका क्या हैं?

अपने राष्ट्र को छुटकारा देने के लिए यहूदी शक्ति की तलाश कर रहे थे। वे शक्ति के संदेश के साथ शक्ति के संकेतों को चाहते थे ताकि यह साबित हो सके कि यह काम करेगा।

जीवन को समझने और जगत में सफलता के लिए अन्यजातियों को ज्ञान चाहिए था। वे एक संदेश चाहते थे जो यह समझाए कि जो वे चाहते थे उसे कैसे प्राप्त कर सकते हैं।

क्रूस ने आत्मसमर्पण और बलिदान का प्रतिनिधित्व किया हैं। सत्ता चाहने वाले यहूदियों के लिए, यह कमज़ोरी सा प्रतीत हो रहा था। सांसारिक ज्ञान की इच्छा रखने वाले अन्यजातियों के लिए यह मूर्खता की तरह दिखता था। वास्तव में मसीह की मृत्यु में परमेश्वर की शक्ति और बुद्धि का प्रदर्शन किया गया था। क्रूस परमेश्वर की कमज़ोरी और मूर्खता की तरह दिखता था लेकिन यह मनुष्यों के सर्वोत्तम प्रयासों से बेहतर था।

सुसमाचार का संदेश मानवता की प्राकृतिक, पापपूर्ण इच्छाओं के विरुद्ध जाता है। यह पश्चाताप और परमेश्वर के प्रति समर्पण का आह्वान करता हैं। यह एक मूर्खतापूर्ण संदेश की तरह लगता है, क्योंकि लोग सुनना चाहते हैं कि कैसे वे उस हांसिल कर सकें जो वे चाहते हैं।

लोगों को बचाने के लिए परमेश्वर ने सुसमाचार का उपयोग करने का चुनाव किया हैं। उन्होंने विश्वासियों को संपर्क/संचार का कार्य दिया हैं। उपदेश शब्द का अर्थ केवल भीड़ से बात करने वाले व्यक्ति से नहीं है, बल्कि विभिन्न रूपों में सुसमाचार का संचार करना हैं। अनुच्छेद के विषय का अर्थ यह नहीं है कि सार्वजनिक उपदेश परमेश्वर की चुनी हुई विधि है। विषय यह है कि सुसमाचार परमेश्वर की पद्धति है।

अनुच्छेद का क्या मतलब है जब वह कहता हैं कि क्रूस का प्रचार जो विश्वास नहीं करते उनके लिए मूर्खता है?