SGC के पाठ्यक्रम विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों में उपयोग किए जाते हैं। कुछ उच्च विद्यालय (जिन्हें कई बार माध्यमिक विद्यालय कहा जाता है) कुछ निश्चित पाठ्यक्रमों का उपयोग करते हैं। कुछ कलीसियाएँ अपने संडे स्कूलों में पाठ्यक्रमों का उपयोग करती हैं। गृह बाइबल अध्ययन समूह अध्ययन के लिए पाठ्यक्रम का चुनाव करते हैं। पास्टर प्रचार और शिक्षण में उपयोग करने के लिए पाठ्यक्रमों से पाठ्य-सामग्री का चयन करते हैं।
इस अध्याय के निर्देश किसी स्थानीय संस्थान के संचालन पर लागू होते हैं जो अध्ययन के पूर्ण कार्यक्रम के लिए 20 SGC पाठ्यक्रमों का उपयोग करता है।
SGC पाठ्यक्रमों के पूर्ण समूह में बाइबल कॉलेज पाठ्यक्रम की सबसे महत्वपूर्ण पाठ्य-सामग्री शामिल है। इसे सोच-समझकर कर बिना कठिन शब्दावली के लिखा गया है।
एक छात्र को पाठ्यक्रमों का अध्ययन करने के लिए अच्छी तरह से पढ़ने और लिखने के योग्य होना चाहिए क्योंकि वे इसी तरह से बनाए गए हैं।
पाठ्यक्रम नए विश्वासियों के शिष्यत्व के लिए नहीं बनाए गए हैं, हालाँकि अधिकतर पाठ्य-सामग्री उस उद्देश्य के लिए उपयोगी है।
समूह के लिए सर्वोत्तम अभ्यास प्रत्येक छात्र के लिए हैं
1. पाठ्यक्रम की एक प्रति को अपने पास रखें
2. सभी नियत कार्यों को पूरा करें
3. कक्षा सत्रों के दौरान सामग्री प्रस्तुत करने का अभ्यास करें।
4. स्थानीय कलीसिया के साथ अच्छे सम्बन्ध में रहें
5. समूह के बाहर नियमित रूप से सेवकाई करें।
एक ऐसा शिक्षक जो इन अभ्यासों को बनाए रखता है, वह सेवकाई के लिए छात्रों को प्रभावी रूप से प्रशिक्षित करेगा।
छात्र संस्करण सामग्री उन छात्रों के समूहों के लिए उपलब्ध हैं, जो सेवकाई की तैयारी नहीं कर रहे हैं। छात्र संस्करण सामग्री पाठ्यक्रमों के संक्षिप्त संस्करण हैं। उनका उपयोग उच्च विद्यालय (माध्यमिक विद्यालय) और रविवार के स्कूलों में किया जाता है। वे छात्र सामान्य कार्य नहीं करते हैं, क्योंकि वे सेवकाई का अभ्यास नहीं कर रहे हैं या सेवकाई की तैयारी नहीं कर रहे हैं। इन छात्रों के शिक्षकों को मूल SGC पाठ्यक्रम पाठ से सिखाना चाहिए क्योंकि छात्र संस्करण सामग्री अधूरी है। नोट: छात्र संस्करणों का उपयोग उन छात्रों के लिए नहीं किया जाना चाहिए जो सेवकाई की तैयारी कर रहे हैं और सेवकाई प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र प्राप्त करने की योजना बना रहे हैं।
SGC शैक्षणिक डिग्री नहीं देता है। कुछ जगहों पर ऐसे स्थानीय या राष्ट्रीय संस्थान जो SGC पाठ्यक्रमों का उपयोग करते हैं, और अपनी आवश्यकताओं के आधार पर डिग्री या प्रमाण पत्र देते हैं। छात्र को संस्था के साथ पंजीकरण कराना होगा और उनकी आवश्यकताओं को पूरा करना होगा।
जिन स्थानों पर शैक्षणिक डिग्री उपलब्ध नहीं है, वहाँ कार्यक्रम को पेशेवर प्रशिक्षण माना जाना चाहिए। व्यवसायिक संसार में पेशेवर प्रशिक्षण कार्यक्रम एक व्यक्ति को एक कुशल व्यवसाय में काम करने के लिए तैयार करते हैं। वे कार्यक्रम डिग्री प्रदान नहीं करते हैं, परन्तु वे प्रमाणित करते हैं कि व्यक्ति को प्रशिक्षण दिया गया है। इसी तरह, SGC कार्यक्रम सेवकाई का पेशेवर प्रशिक्षण है।
आवश्यक सामग्रियाँ
पाठ्यक्रमों के अतिरिक्त केवल एक बाइबल आवश्यक है, परन्तु पाठ्यक्रम आगे के अध्ययन के लिए पाठ्य-सामग्रियों की सलाह देते हैं। किसी स्थानीय संस्थान को छात्रों के उपयोग के लिए एक पुस्तकालय बनाने का प्रयास करना चाहिए।
कक्षा समय सारणी
स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर एक स्थानीय संस्थान कक्षाओं के लिए अपनी निजी समय सारणी बना सकता है। हालाँकि, पर्याप्त समय समर्पित किया जाना चाहिए। यदि एक शिक्षक बिना चर्चा और छात्र अभ्यास के केवल पाठ्य-सामग्री पढ़ाता है, तो समय कम लगेगा, परन्तु कक्षा से छात्र अच्छी तरह से तैयार नहीं हो पाएँगे। यदि समूह पाठ्य-सामग्री और पूर्ण किए गए नियत कार्यों पर चर्चा करने में समय व्यतीत करता है, तो एक पाठ्यक्रम में तीस घंटे से अधिक का कक्षा समय लगेगा। छात्रों को नियत कार्य करने में कक्षा के बाहर अतिरिक्त समय देना चाहिए।
पाठ्यक्रमों का क्रम
एक निश्चित क्रम आवश्यक नहीं है। प्रत्येक कोर्स पूर्ण है और उससे पहले के किसी अन्य कोर्स पर निर्भर नहीं है। कार्यक्रम को एक चक्र में चलाना सम्भव है, जिससे नए छात्रों को किसी भी पाठ्यक्रम की शुरुआत में शामिल होने का अवसर मिलता है। एक संस्थान नए छात्रों को वर्ष की शुरुआत तक प्रतीक्षा करने के बजाय लगातार भर्ती कर सकता है। अकेले छात्र किसी भी पाठ्यक्रम की शुरुआत में नामांकन करते हैं और चक्र में तब तक बने रहते हैं जब तक कि वे सभी पाठ्यक्रम समाप्त नहीं कर लेते।
गुणवत्ता नियंत्रण
शिक्षक को छात्रों की उपस्थिति का रिकॉर्ड रखना चाहिए। एक छात्र जो कक्षा में कम से कम 75% समय नहीं आता है और आवश्यक कार्य को 100% नहीं पूरा करता है, तो उसे पाठ्यक्रम के अंक नहीं मिलने चाहिए। विशेष परिस्थितियों में, शिक्षक कक्षा के छूटे हुए समय की भरपाई के लिए अतिरिक्त अध्ययन आवश्यकताएँ प्रदान कर सकता है।
यह सुनिश्चित करने के लिए की अन्तिम अँक निष्पक्ष और सटीक हैं, शिक्षक को छात्रों द्वारा पूर्ण किए गए नियत कार्यों का सावधानीपूर्वक रिकॉर्ड रखना चाहिए। शिक्षक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अकेले छात्रों को पता चले कि क्या उनके नियत कार्य या उपस्थिति उनके अंकों को कम कर रहे हैं।
यदि स्थानीय संस्थान संस्थानों के एक संघ का हिस्सा है, तो क्षेत्रीय प्रशिक्षकों के निरीक्षण के लिए उपस्थिति और नियत कार्य के रिकॉर्ड उपलब्ध होने चाहिए। यदि संस्थान लगातार आवश्यकताओं को बनाए नहीं रखता है तो एक प्रमाण पत्र का मूल्य नहीं होगा।
स्थानीय आर्थिक सहयोग
प्रत्येक स्थानीय संस्थान स्थान का स्थानीय रूप से सहयोग किया जाना चाहिए। कक्षा एक स्थानीय कलीसिया द्वारा प्रदान की जाती है। शिक्षक स्थानीय सेवकाई के हिस्से के रूप में कार्य करते हैं। मुद्रित पाठ्यक्रमों की लागत स्थानीय सेवकाई या छात्रों द्वारा वहन की जाती है। यदि कोई संस्थान संस्थानों के संघ का हिस्सा है, तो केंद्रीय प्रशासन छात्रों के लिए एक शुल्क निर्धारित कर सकता है जिसमें मुद्रित पाठ्यक्रमों की लागत शामिल होती है और इसे स्थानीय संस्थान के कर्मचारियों को आर्थिक सहयोग मिलता है।
स्थानीय संस्थान के कर्मचारियों का सभी आर्थिक मामलों में ईमानदार और पारदर्शी होना आवश्यक है (2 कुरिन्थियों 8:21)। इसमें शामिल सभी लोगों को पता होना चाहिए कि कितना पैसा इकट्ठा किया गया है और इसे कैसे खर्च किया जाता है। कोष के प्रबन्धन के लिए एक समिति को शामिल किया जाना चाहिए। आर्थिक मामलों के उदाहरणों में छात्रों द्वारा स्थानीय संस्थान या केंद्रीय प्रशासन को भुगतान किए जाने वाले शुल्क, मुद्रित पाठ्यक्रमों की लागत, स्थानीय शिक्षकों का सहयोग, और एकत्र या खर्च किया गया अन्य तरह का धन शामिल होता है।
क्योंकि ईमानदारी मसीही चरित्र का एक मूल तत्व है, एक बेईमान व्यक्ति के लिए एक अच्छा मसीही आदर्श बन पाना सम्भव नहीं है। एक बेईमान व्यक्ति को सेवकाई के किसी पद पर नहीं होना चाहिए। बेईमानी की कोई भी घटना किसी अगुवे के SGC से सम्बन्ध को प्रभावित करेगी।
नया प्रशिक्षण कार्यक्रम स्थापित करना
यह अनुभाग एक स्थानीय सेवकाई दल की सहायता के लिए बनाया गया है जब वे एक नया प्रशिक्षण कार्यक्रम स्थापित कर रहे हों। यह कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं की योजना बनाने के लिए एक क्रम प्रदान करता है। स्थानीय सेवकाई दल को प्रत्येक प्रश्न पर चर्चा करनी चाहिए और अपने उत्तरों को लिखित रूप में रिकॉर्ड करना चाहिए।
1.उत्तरदायी सेवकाई की पहचान
► प्रशिक्षण कार्यक्रम कौन प्रारंभ कर रहा है? (क्या कोई मौजूदा संस्थान? कोई कलीसिया संघ? कोई स्थानीय कलीसिया? कई कलीसियाओं या पास्टरों की साझेदारी?)
► क्या इस कार्यक्रम को शुरू करने की ज़िम्मेदारी में दूसरों को भी आमंत्रित किया जाना चाहिए?
2. मिशन और लक्ष्य
एक मिशन वक्तव्य उद्देश्य को स्पष्ट करता है। मिशन वक्तव्य का एक उदाहरण: “हमारा उद्देश्य बाइबिल सिद्धांत और सेवकाई विधियों के साथ मसीही अगुवों को प्रशिक्षित करना है।”
लक्ष्य में मापनीय विवरण होते हैं। सेवकाई लक्ष्य का एक उदाहरण: “हमारा लक्ष्य अगले पाँच वर्षों में इरकुत्स्क क्षेत्र में 20 नई कलीसियाएँ शुरू करने के लिए कलीसिया आरंभकर्ताओं को प्रशिक्षित करना है।”
► नए प्रशिक्षण कार्यक्रम का मिशन वक्तव्य क्या है?
► नए प्रशिक्षण कार्यक्रम का लक्ष्य क्या है?
3. प्रशिक्षण कार्यक्रम का नाम
यदि नया प्रशिक्षण कार्यक्रम किसी मौजूदा संस्थान या स्थानीय प्रशिक्षण केंद्रों के नेटवर्क का भाग नहीं है, तो स्थानीय सेवकाई उसके लिए एक नाम चुन सकती है। ऐसा नाम चुनें जो आपके स्थानीय संदर्भ में समझ में आए। (SGC यह चाहता है कि स्थानीय सेवकाई Shepherds Global Classroom नाम का उपयोग न करें।)
► नए प्रशिक्षण कार्यक्रम का नाम क्या है?
4. भवन
► कक्षाएँ कहाँ आयोजित होंगी? क्या कोई कार्यालय होगा? (क्या कोई स्थानीय कलीसिया या अन्य भवन बिना लागत के उपयोग किया जा सकता है? क्या कक्षा में पर्याप्त स्थान और सुविधा होगी और क्या वह ध्यान भटकाव से मुक्त होगी?)
5. मुद्रित पाठ्यक्रम
► हम छात्रों को मुद्रित पाठ्यक्रम कैसे प्रदान करेंगे? (क्या हम उन्हें अपनी स्वयं की मशीनों पर छापेंगे, किसी स्थानीय व्यवसाय में छपवाएँगे, या किसी अन्य प्रशिक्षण कार्यालय से खरीदेंगे?)
► लागत क्या होगी?
► हम लागत को पूरा करने की क्या योजना बना रहे हैं?
► क्या छात्र मुद्रित प्रति के स्थान पर मोबाइल उपकरणों पर डिजिटल पाठ्यक्रमों का उपयोग करने में सक्षम और इच्छुक हैं?
6. समय सारणी
कक्षाओं के लिए एक विशेष समय सारणी तय करें। उदाहरण:
छात्र प्रत्येक मंगलवार और गुरुवार की शाम 7 से 9 बजे तक मिलेंगे।
हम दो महीनों में एक पाठ्यक्रम पूरा करने की योजना बना रहे हैं।
पहली कक्षा 3 जून को शुरू होगी और 29 जुलाई को समाप्त होगी।
नए छात्र प्रत्येक नए पाठ्यक्रम की शुरुआत में शामिल हो सकते हैं।
► कक्षाएँ किन दिनों और किन समयों पर मिलेंगी?
► प्रत्येक पाठ्यक्रम के लिए हम कितना समय निर्धारित करेंगे?
► हम कब शुरू करेंगे?
► नए छात्र किस समय में शामिल हो सकते हैं?
7. शिक्षक
शिक्षकों को SGC मैनुअल से परिचित होना चाहिए। वे विश्वसनीय होने चाहिए और शिक्षण के लिए तैयारी करने का समय देने के इच्छुक होने चाहिए। अच्छा आत्मिक चरित्र और मसीही उदाहरण अनिवार्य है। यदि किसी शिक्षक को किसी संस्थान से प्रशिक्षण मिला हो, तो यह अच्छा है, पर यह हमेशा आवश्यक नहीं है। शिक्षकों की अपने वर्तमान सेवकाई में अच्छी प्रतिष्ठा होनी चाहिए।
► हम शिक्षकों से क्या योग्यताएँ अपेक्षित करते हैं?
► कौन उपलब्ध और शुरुआत करने के लिए इच्छुक है?
8. प्रशासन
पदों के उदाहरण:
निदेशक
रजिस्ट्रार / सचिव
कोषाध्यक्ष
► प्रशिक्षण का निर्देशन कौन करेगा?
► और कौन-कौन कर्मचारी आवश्यक हैं?
► संभावित छात्रों की कॉल कौन प्राप्त करेगा?
► प्रत्येक पद के लिए कार्य विवरण क्या है?
9. प्रमाण पत्र
यदि आप अपने स्थानीय सेवकाई से छात्रों को प्रमाण पत्र देना चाहते हैं, तो आप अपनी आवश्यकताएँ निर्धारित कर सकते हैं। यदि आप SGC से प्रमाण पत्र देना चाहते हैं, तो आपको SGC प्रतिनिधि से संपर्क करना होगा, जो आपके प्रशिक्षण कार्यक्रम की गुणवत्ता की पुष्टि करता है और आपको SGC प्रमाण पत्र देने की अनुमति देता है।
प्रमाण पत्र योजना का उदाहरण: छात्रों को हर पूर्ण किए गए पाठ्यक्रम के लिए स्थानीय सेवकाई से प्रमाण पत्र मिलेगा। जो छात्र 10 पाठ्यक्रम पूरे करेंगे, उनके लिए स्नातक समारोह होगा और उन्हें SGC से प्रमाण पत्र प्राप्त होगा। छात्र यदि चाहें तो आगे के 10 पाठ्यक्रम पूरे करके एक उन्नत प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं।
► हमारे स्नातक कौन-कौन से प्रमाण पत्र प्राप्त करेंगे?
► कौन प्रमाण पत्र प्रदान करेगा और कार्यक्रम के मानक निर्धारित करेगा? (कोई कलीसिया संप्रदाय? कोई स्थानीय कलीसिया समिति? SGC?)
10. छात्र नामांकन
नामांकन की आवश्यकताएँ तय करें। उदाहरण:
छात्रों को:
स्थानीय पास्टर की अनुशंसा प्राप्त होनी चाहिए।
उद्धार की व्यक्तिगत गवाही लिखित रूप में प्रस्तुत करनी चाहिए।
छात्र प्रतिज्ञा पत्र पर हस्ताक्षर करना चाहिए।
► कोई व्यक्ति कार्यक्रम में नामांकन से पहले किन आवश्यकताओं को पूरा करेगा?
नामांकन की कोई भी आर्थिक जिम्मेदारियाँ तय करें। संभावित विकल्प:
प्रत्येक मुद्रित पाठ्यक्रम के लिए छात्र $________ भुगतान करेंगे
शिक्षक शुल्क के रूप में छात्र $________ भुगतान करेंगे
स्थान शुल्क के रूप में छात्र $________ भुगतान करेंगे
छात्र अपने भोजन और यात्रा की लागत स्वयं उठाएँगे
► छात्रों की आर्थिक जिम्मेदारियाँ क्या हैं?
11. Shepherd प्रतिनिधि
SGC ने आपके क्षेत्र में प्रशिक्षण सेवकाई के साथ संवाद करने के लिए एक व्यक्ति नियुक्त किया है। आपकी सेवकाई को एक व्यक्ति को नामित करना चाहिए जो SGC प्रतिनिधि से संवाद करेगा। SGC प्रतिनिधि आपके स्नातकों के लिए प्रमाण पत्र की व्यवस्था करेगा।
► हमारी सेवकाई में वह कौन व्यक्ति होगा जो SGC प्रतिनिधि से संवाद करेगा?
एक मिशन संगठन/राष्ट्रीय सेवकाई और एक स्थानीय संस्थान का आपसी सहयोग
एबीसी एक ऐसी राष्ट्रीय सेवकाई का काल्पनिक नाम है जो कलीसियाओं की स्थानीय संस्थान स्थापित करने में सहायता करती है। एबीसी स्थानीय संस्थानों के लिए जिस स्थान अनुबंध का उपयोग करती है, उसे अगले पृष्ठ पर दिया गया है। एबीसी प्रतिनिधि इस अध्याय के अंतिम पृष्ठ पर सूचीबद्ध प्रश्नों का उपयोग करके नियमित रूप से स्थानीय संस्थान स्थानों का दौरा और निरीक्षण करते हैं।
एबीसी इस फॉर्म का प्रयोग राष्ट्रीय सेवकाई और स्थानीय संस्थान के बीच के सम्बन्धों को समझाने के लिए करती है।
एबीसी का उद्देश्य कलीसिया को सेवकाई के लिए अगुवों को विकसित करने के लिए तैयार करके मसीह की देह की सेवा करना है। एक स्थानीय कलीसिया या सेवकाई संगठन को SGC पाठ्यक्रमों का उपयोग करके सेवकाई प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने की सिफारिश जा सकती है।की
स्थानीय सेवकाई द्वारा अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं करने की स्थिति में एबीसी के पास इस अनुबंध को रद्द करने का अधिकार सुरक्षित है।
एबीसी निम्नलिखित चीजें प्रदान करता है:
20 सेवकाई प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों का एक सेट
शिक्षकों के लिए एक प्रशिक्षण सेमिनार
यह स्थानीय शिक्षकों को प्रोत्साहित करने और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्रशासन प्रशिक्षण स्थल का दौरा करती है
प्रत्येक पाठ्यक्रम के पूरा होने पर छात्रों के लिए प्रमाण पत्र (प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए प्रत्येक छात्र के पास पाठ्यक्रम की एक व्यक्तिगत प्रति का होना आवश्यक है)
सम्पूर्ण कार्यक्रम को पूरा करने के लिए एक प्रमाण पत्र
सेवकाई स्थान पर एक एबीसी चिह्न लगाया जाता है
स्थानीय सेवकाई निम्नलिखित के लिए प्रतिबद्धता करती है:
एबीसी प्रशासन के अनुमोदन से विश्वासयोग्य, सक्षम स्थानीय शिक्षकों की नियुक्ति करना
शिक्षकों से एबीसी प्रशासन के प्रशिक्षण और निर्देशों में सहयोग करने की माँग करना
एक ऐसी कक्षा उपलब्ध करवाना जो अच्छे अध्ययन के लिए अनुकूल हो
स्थानीय शिक्षकों को आवश्यकतानुसार आर्थिक रूप से सहयोग देना
प्रत्येक आवश्यक पाठ्यक्रम प्रति के लिए नामांकन शुल्क एकत्र करना और उसे एबीसी को भेजना
एबीसी प्रशासन को छात्र की उपस्थिति और पूर्ण किए गए नियत कार्यों के रिकॉर्ड उपलब्ध करवाना
एबीसी द्वारा दिए गए चिन्हों को लगाना। चिह्न एबीसी की संपत्ति है और इस अनुबंध के रद्द होने की स्थिति में इसे हटा दिया जाएगा।
स्थानीय सेवकाई का नाम __________________________________________
स्थानीय सेवकाई के प्रतिनिधि के हस्ताक्षर _____________________________________________
एबीसी के अधिकृत प्रतिनिधि के हस्ताक्षर _____________________________________________
जब एबीसी के प्रतिनिधि स्थानों पर जाते हैं, तो वे मूल्यांकन और सुधार के लिए मार्गदर्शन करने के लिए निम्नलिखित प्रश्नों का उपयोग करते हैं।
1. क्या प्रशिक्षण स्थान के शिक्षकों ने SGC शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त किया है?
2. क्या शिक्षक विभिन्न प्रकार की शिक्षण पद्धतियों का उपयोग करते हैं?
3. क्या शिक्षक छात्रों को चर्चा और भागीदारी में शामिल करते हैं?
4. क्या प्रशिक्षण स्थान विकासशील सहायक शिक्षक हैं जो कक्षा में अभ्यास करते हैं?
5. क्या कक्षा अध्ययन के लिए अनुकूल है (बैठने की सीटें, रोशनीदर, विकर्षण और शोर से मुक्त)?
6. क्या प्रत्येक छात्र के पास अध्ययन किए जा रहे किसी पाठ्यक्रम की व्यक्तिगत प्रति है?
7. क्या सभी छात्र नियत कार्यों को पूरा करने के लिए पर्याप्त रूप से पढ़ने और लिखने योग्य हैं? (प्रमाणपत्र के लिए आवश्यक है)।
8. क्या कक्षा की समय सारणी नियत कार्य पूरा करने में लगने वाले समय के अलावा प्रत्येक पाठ्यक्रम के लिए तीस घंटे का कक्षा समय प्रदान करती है?
9. क्या जाँच प्रक्रियाएँ यह सुनिश्चित करती हैं कि छात्र दूसरों से या लिखित पाठ्य-सामग्री से उत्तरों की नकल नहीं कर रहे हैं?
10. क्या शिक्षक छात्रों की उपस्थिति का सटीक रिकॉर्ड रखते हैं? (एक छात्र जो कक्षा के 25% से अधिक समय से चूक जाता है, तो उसे पाठ्यक्रम के अंक नहीं मिलने चाहिए।)
11. क्या शिक्षक पूर्ण किए गए छात्र नियत कार्यों का रिकॉर्ड रखते हैं? (प्रमाण पत्र के लिए सभी नियत कार्य पूरे किए जाने चाहिए।)
12. क्या स्थानीय संस्थान स्थानीय आर्थिक सहयोग के लिए एक प्रणाली विकसित कर रहा है?
13. क्या खुलेपन और जवाबदेही के लिए स्थानीय संस्थान के धन का प्रबन्धन स्थानीय समिति द्वारा किया जाता है?
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