► आपके जीवन में प्रभाव डालने वाले किसी शिक्षक की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएँ क्या थीं? उस शिक्षा को प्रभावशाली बनाने वाला क्या था?
इस अध्याय में वर्णित विशेषताओं के अलावा, शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के किसी छात्र को स्थानीय कलीसिया का प्रतिभागी सदस्य होना चाहिए और उसके पास पास्टर की सिफारिश होनी चाहिए।
एक SGC शिक्षक को आत्मिक रूप से परिपक्व, सिखाने में कुशल और बाइबल का जानकार होना चाहिए। योग्य शिक्षकों की खोज करते समय, सबसे पहले उनके चरित्र पर ध्यान देना चाहिए। अच्छा चरित्र कौशल विकसित करने की नींव होता है।
शैक्षणिक आवश्यकताएँ: एक शिक्षक को पाठ्यक्रम सामग्री को अच्छी तरह से पढ़ने, समझने और समझाने योग्य होना चाहिए। यद्यपि एक शैक्षणिक डिग्री एक शिक्षक को निर्देश पद्धतियों और गहन ज्ञान से लैस कर सकती है, परन्तु SGC का दृष्टिकोण ऐसे शिक्षकों को विकसित करना है, जो उसी प्रशिक्षण को दूसरों तक पहुँचा सकें। इस कारण, हम शैक्षणिक डिग्री वाले शिक्षकों की खोज के लिए निर्भर नहीं हैं। हम हर जगह सम्भावित शिक्षकों को आत्मिक वरदान देने के लिए परमेश्वर की विश्वासयोग्यता पर निर्भर हैं। हम उन लोगों को खोजने और तैयार करने की आशा रखते हैं, जिन्हें सिखाने की क्षमता का वरदान मिला है।
नीचे दी गई सूची में ऐसी अन्य विशेषताएँ भी शामिल हैं, जो महत्वपूर्ण हैं। एक शिक्षक हर गुण में उत्कृष्ट नहीं हो सकता है, परन्तु उसे उन सभी में सुधार करने का प्रयास करना चाहिए। जिन शिक्षकों में इनमें से किसी एक का भी अभाव है, वे कम प्रभावी होंगे।
1. आत्मिक रूप से परिपक्व। शिक्षक को आत्मिक गुणों का एक अच्छा आदर्श होना चाहिए। यदि शिक्षकों का मसीही जीवन और व्यवहार आपस में हमेशा स्थिर नहीं है, तो वे छात्रों के लिए अच्छे आदर्श नहीं हैं।
2. उपलब्ध। यदि किसी की समय सारणी पहले से ही बहुत अधिक व्यस्त है और अच्छी तरह से व्यवस्थित नहीं है, तो ऐसा पुरुष या महिला नियमित शिक्षण सेवकाई के लिए उपलब्ध नहीं है। शिक्षकों को सिखाने के लिए प्राथमिक रूप से तैयार रहना चाहिए। कुछ प्रतिभाशाली लोगों को यह सेवकाई इसलिए नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि वे इसे अन्य गतिविधियों से बाधित करेंगे।
3. भरोसेमन्द। शिक्षक ऐसे लोग होने चाहिए जो अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करते हैं। उन्हें समय का पाबंद होना चाहिए और समय सारणी का पालन करने योग्य होना चाहिए। यदि शिक्षक कक्षाओं में नहीं आते हैं या देर से आते हैं तो कक्षा के सदस्य निराश हो जाते हैं।
4. दृढ़। शिक्षकों को विश्वास होना चाहिए कि वे यह सीखने योग्य है कि एक समूह की अगुवाई कैसे की जाती। उन्हें कुछ निगरानी वाले अभ्यास की आवश्यकता पड़ सकती है, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा।
5. विवाद को सुलझाने योग्य। जब लोग असहमत होते हैं और समस्याएँ पैदा होती हैं, तो शिक्षकों को सही रवैया रखने की आवश्यकता पड़ती है। उन्हें दूसरों में होने वाले मतभेदों को सुलझाने में सहायता करने योग्य होना चाहिए।
6. सिखाने योग्य। क्या लोग शिक्षक की व्याख्या को समझते हैं? शिक्षक ऐसा होना चाहिए जो लोगों को उलझन में न डाले।
7. परमेश्वर के वचन का भूखा। शिक्षक ऐसे लोग होने चाहिए जो परमेश्वर के वचन का आनन्द लेते हों, ताकि वे दूसरों को भी उसका आनन्द लेने के लिए आमंत्रित कर सकें। उन्हें परमेश्वर के साथ अपने सम्बन्धों में बाइबल को महत्वपूर्ण बनाना चाहिए।
8. परमेश्वर पर निर्भर। शिक्षकों को यह पता होना चाहिए कि आत्मिक परिणाम केवल पवित्र आत्मा के काम से ही प्राप्त हो सकते हैं। उन्हें पवित्र आत्मा के साथ सहयोग करने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्हें परमेश्वर के अभिषेक पर निर्भर रहना चाहिए। उन्हें इस बात पर भरोसा नहीं करना चाहिए कि उनकी व्याख्या केवल उनकी क्षमताओं के कारण ही सफल होगी।
9. सेवा करने के लिए तैयार। शिक्षक ऐसे लोग नहीं होने चाहिए जो सेवा करवाना चाहते हों। उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने के उद्देश्य से सेवकाई की खोज नहीं करनी चाहिए। उन्हें आवश्यकताओं के प्रति उत्तरदायी होना चाहिए और अपने आप सेवा करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
10. आत्मिक अधिकार के अधीन। शिक्षकों को आत्मिक रूप से अन्य व्यक्तियों के प्रति जवाबदेह होना चाहिए। उन्हें आत्मिक अगुवों के निर्देश का पालन करना चाहिए।
11. कलीसिया के प्रति विश्वासयोग्य। शिक्षकों को स्थानीय कलीसियाओं के प्रतिबद्ध सदस्य होना चाहिए। उनकी शिक्षा को लोगों प्रेरित करनी चाहिए कि वे कलीसिया की सराहना करें और इसके लिए अधिक प्रतिबद्ध हों।
12. सफल होने का उत्साह। यदि शिक्षकों में सफल होने का उत्साह हो तो वे शीघ्र हार नहीं मानेंगे। वे परिस्थितियों के हिसाब से ढल जाएँगे। वे ऐसी जानकारी की खोज करेंगे जो उन्हें अधिक प्रभावी होने में सहायता कर सकती है। समस्या या अवसरों के आने पर वे पहल करेंगे। उनमें ऊर्जा और उत्साह होगा।
13. धर्मसैद्धान्तिक शिक्षा के सम्बन्ध में सटीक। प्रत्येक शिक्षक के पास बाइबल, यानी सुसमाचार आधारित धर्मसैद्धान्तिक शिक्षा को लेकर एक अच्छा आधार होना चाहिए।
14. सेवकाई में अनुभवी। शिक्षक ऐसे लोग होने चाहिए जो कुछ समय के लिए कलीसिया सेवकाई में विश्वासयोग्य रहे हों।