1. शिक्षा के लिए अच्छी तैयारी करें। पाठ पढ़ाने से पहले समय लेकर यह सुनिश्चित करें कि आप पाठ की हर बात को समझते हैं। पाठ में उन बातों को खोजें जो दिये गए उद्देश्यों को पूरा करने में सहायता करती हैं। महत्वपूर्ण कथनों को रेखांकित करें और यह सोचें कि उन बातों को एक से अधिक तरीकों से कैसे समझाएँ। विचारों को समझाने की अपनी योजना को याद रखने के लिए कागज के किनारों पर नोट्स लिखें।
2. समय का मूल्य समझें। हर छात्र के समय का आदर करें। यद्यपि हर संस्कृति की समय की समझ अलग होती है, फिर भी छात्रों को यह सिखाएँ कि वे कक्षा के समय-सारणी का वैसा ही सम्मान करें जैसा वे कार्य की समय-सारणी का करते हैं।

3. कक्षा की चर्चा को सरल बनाने के लिए छात्रों की बैठक की व्यवस्था करें। चूँकि चर्चा महत्वपूर्ण है, इसलिए बैठक की व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए जिससे सभी छात्र भाग ले सकें।
4. जब छात्र बोलते हैं तो अच्छी तरह से सुनें। अच्छी तरह से सुनने के लक्षण आँखों का संपर्क, चेहरे के एकाग्र भाव, भटकाने वाली बातों को अनदेखा करना और वक्ता के हास्य या अन्य भावनाओं के प्रति प्रतिक्रिया देना है।
5. यह सुनिश्चित करें कि सभी छात्र ध्यान दे रहे हैं और प्रशिक्षण में भाग ले रहे हैं। यदि कोई छात्र असंबद्ध लगता है, तो उसे चर्चा में सम्मिलित करने के लिए प्रश्न पूछें। प्रश्न पूछते समय उसका नाम पहले लें, ताकि उसे पता चले कि यह प्रश्न उसी से किया गया है। ("पॉल, तुम इस बारे में क्या सोचते हो?") आपका उद्देश्य उसे शर्मिंदा करना नहीं, बल्कि प्रशिक्षण में सम्मिलित करना है।
6. ऐसे प्रश्न पूछें जिनका उत्तर छात्र अपने आत्म-विश्वास को बढ़ाने के लिए दे सकते हैं। यदि कोई गलत उत्तर देता है, तो आलोचना करने से पहले उसके बारे में कुछ अच्छा कहने का प्रयास करें।
7. हर टिप्पणी की आलोचना करने से पहले उसकी प्रशंसा करने का प्रयास करें। यदि उनकी भागीदारी की प्रशंसा की जाती है तो छात्रों को आत्मविश्वास बढ़ेगा।
8. छात्रों का ध्यान बनाए रखें। केवल अनुशासन और अधिकार के बल पर छात्रों को सुनने के लिए बाध्य न करें। कक्षा को रोचक बनाएँ—शैली बदलते रहें, प्रश्न पूछें, कहानियाँ सुनाएँ, अपने स्वर में बल बदलें, किसी समस्या को हल करने के लिए वर्णन करें, या आश्चर्यजनक तथ्य प्रस्तुत करें।
9. एक छात्र को बहुत अधिक बात न करने दें और कि वही सभी प्रश्नों के उत्तर दें। आप विशिष्ट छात्रों से प्रश्न पूछ सकते हैं। या आप पूछ सकते हैं, “बाकी लोग क्या सोचते हैं?” एक चर्चा में, आप कह सकते हैं कि, “आओ किसी ऐसे व्यक्ति से सुनें जिसने अभी तक इस बारे में बात नहीं की है।”
यदि कुछ विशेष सदस्य अभी भी बहुत अधिक बात करते हैं, तो अगुवे सभा के बाद उनसे बात कर सकते हैं। एक अगुवे कुछ इस तरह कह सकता है कि: “चार्ल्स, आप एक जोशीले विचारक हैं और चर्चाओं में शीघ्रता से उत्तर देने योग्य हैं, परन्तु मुझे इस बात की चिन्ता है कि यदि हम सब बातों का उत्तर शीघ्रता से दे देंगे तो कुछ अन्य लोग भाग नहीं लेंगे। क्या आप सभी को शामिल करने में मेरी सहायता कर सकते हैं?”
10. समूह की अनदेखी करते हुए दो या तीन छात्रों को बहस न करने दें । यदि कोई किसी बात को लेकर लम्बे समय तक बहस करना चाहता है, तो उससे कहें कि हमें उस चर्चा को बाद में खत्म करना होगा।
11. किसी को भी दूसरों को टोकने की अनुमति न दें। अपना हाथ उठाएँ, टोकने वाले को दृढ़ता से रोकें, और पहले बोलने वाले को समाप्त करने दें। अन्यथा, चर्चा में हमेशा कम शिष्टाचार वाले सदस्यों का ही बोलबाला रहेगा। जो लोग कम बोलने वाले होते हैं, वे इस बात से निराशा महसूस करेंगे कि वे अपने वाक्य पूरे नहीं कर पाए।
12. शिकायतों को सुनें। कोई भी शिकायत एक ऐसी समस्या दिखा सकती है जिसे ठीक किया जा सकता है। असंतोष के संकेतों को अनदेखा न करें। यदि कोई कक्षा से असंतुष्ट है, तो हो सकता है कि वह पुरुष या महिला उद्देश्य को न समझा हो, या उसके पास उचित शिकायत हो।
13. टोकने वाले छात्र को सुधारें। यदि कुछ विशेष छात्र लगातार शत्रुतापूर्ण, टोका-टाकी करने वाले, तर्क-वितर्क करने वाले कार्य करते हैं या ऊब चुके हैं, तो शायद वे कक्षा के उद्देश्य को स्वीकार नहीं करेंगे। शायद यह कक्षा वह नहीं है जिसकी उन्हें अपेक्षा थी। कक्षा के उद्देश्य को देखने में उनकी सहायता करने के लिए उनसे निजी तौर पर बात करें।
14. यदि आप उत्तर नहीं जानते हैं तो उत्तर जानने का नाटक न करें। शिक्षक को सब कुछ जानने की आवश्यकता नहीं है। छात्रों को यह बताना ठीक है कि आप उत्तर की खोज करेंगे।
15. छात्रों को अपने पास्टरों की आलोचना करने की अनुमति न दें। क्योंकि छात्र अभी सीख रहे हैं, वे अगुवों की कमियाँ देखेंगे।
16. अपने छात्रों को जानें। यदि आप उनकी पारिवारिक स्थिति, सेवकाई के अनुभव, शैक्षणिक पृष्ठभूमि, वर्तमान सेवकाई की स्थिति और भविष्य के लक्ष्यों को जानते हैं, तो आप अधिक प्रभावी ढंग से सिखा सकते हैं। निजी बातचीत में इन बातों को जानने का प्रयास करें।
अच्छे शिक्षण के लिए अन्य निर्देश अध्याय 6 में दिए गए हैं।