स्थानीय संस्थान पुस्तिका
परिचय
कलीसिया को सिखाना चाहिए। यीशु ने कलीसिया से कहा कि वह हर स्थान पर जाकर उसकी आज्ञाओं के बारे में सिखाए (मत्ती 28:19)। पौलुस ने कहा कि एक पास्टर को सिखाने योग्य होना चाहिए (1 तीमुथियुस 3:2)। यह शिक्षा शिष्यत्व के कार्य का हिस्सा है। कलीसिया लोगों को यह सिखाती है कि वे विश्वासियों के रूप में कैसे जीएँ, और परमेश्वर की महिमा के लिए कैसे जीएँ। यह शिक्षा हर उस जगह दी जानी चाहिए जहाँ विश्वासी मौजूद हैं। सामर्थी कलीसियाएँ सिखाने के लिए बाइबल की ऐसी सच्चाई और व्यावहारिक तरीकों से लैस होती हैं, जिनसे वे अपने लोगों को उद्देश्यपूर्ण तरीके से सिखा सकती हैं।
कलीसिया को प्रशिक्षण देना चाहिए।
और जो बातें तू ने बहुत से गवाहों के सामने मुझ से सुनी हैं, उन्हें विश्वासी मनुष्यों को सौंप दे; जो दूसरों को भी सिखाने के योग्य हों (2 तीमुथियुस 2:2)।
शिक्षण की आवश्यकता सेवकाई प्रशिक्षण की आवश्यकता को उत्पन्न करती है। पौलुस ने तीमुथियुस को ऐसे लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए कहा जो दूसरों को सिखाने के योग्य हों (2 तीमुथियुस 2:2)। प्रशिक्षण केवल सूचना के बारे में सिखाना नहीं है। प्रशिक्षण का अर्थ केवल विश्वासियों को अपने लाभ के लिए सिखाना नहीं है। प्रशिक्षण दूसरों की सहायता करने के लिए विश्वासियों को तैयार करता है।
यीशु ने सेवकाई प्रशिक्षण की प्राथमिकता का प्रदर्शन किया। अपनी सेवकाई की शुरुआत में, उसने कुछ ऐसे लोगों को चुना जिन्होंने कलीसिया का मार्गदर्शन किया और उसे बढ़ाया। उसने अपना सारा समय लोगों की भीड़ को उपदेश देने में नहीं लगाया; इसके बजाय, वह अक्सर बारह अगुवों को प्रशिक्षित करने के लिए समय निकाला करता था। उसने अपनी सेवकाई को उन लोगों के द्वारा बढ़ाया जिन्हें उसने प्रशिक्षित किया था।
Shepherds Global Classroom ने स्थानीय सेवकाईयों द्वारा संचालित एक हस्तांतरणीय यानी आगे सौंपे जाने वाला प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान किया है।
Please select a section from the sidebar.